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साहित्य सृजन करने वाले संत- स्वामी आत्माराम उपाध्याय जी

• जागो हुक्मरान न्यूज़ मैं सदैव लिखता हूं कि अपने समाज के प्रमुख दिग्दर्शक, साधु-संत, प्रशासक, राजनेताओं आदि को अपने कार्यों और ज्ञान पर साहित्य सृजन करना चाहिए। जो भी…

समाज के बेहतर निर्माण हेतु मिशन पे बैक टू सोसाइटी: अविनाश गोयल

● जागो हुक्मरान न्यूज हम सबका सामाजिक दायित्व बनता है कि हम सब समाज के हक और अधिकारों के आंदोलन और बहुजन महापुरुषों के मिशन और विरासत को आगे बढ़ाने…

पुण्यतिथि: राजस्थान के कबीर ‘पन्नालाल प्रेमी’

• जागो हुक्मरान न्यूज़ स्व.श्री पन्नालाल प्रेमी का जन्म 01 दिसम्बर 1937 में ग्राम- जयमलसर, बीकानेर में मेघवाल कुल के बामणिया गौत्र में हुआ था। इनके पिताजी का नाम बस्ताराम…

आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा क्यों कहते हैं: डॉ. गुलाब जिंदल

• जागो हुक्मरान न्यूज़ आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा क्यों कहते हैं – एक तथ्यात्मक विवेचन भारत सहित अन्य राष्ट्रों में विक्रम संवत की आषाढ़ पूर्णिमा का मानव के आध्यात्म…

मजदूर (कामगार) दिवस: ‘डॉ.भीमराव अंबेडकर मजदूरों की आवाज’- हरीराम जाट

मजदूर दिवस विशेष : मजदूर नेता के रूप में डॉ.भीमराव आंबेडकर ने ‘मजदूरों’ के लिए क्या-क्या किया! • जागो हुक्मरान न्यूज़ 1 मई को दुनिया मेहनतकश तबके की मेहनत को…

मृत्यु भोज (त्रयोदशी/तेरहवीं) एक समाजिक कुरीति नहीं हैं ये एक सामाजिक कलंक प्रथा है !!

इसके साथ साथ दूसरी और मौत हैं❓ • जागो हुक्मरान न्यूज़ मृत्यु भोज (त्रयोदशी/तेरहवीं) एक समाजिक कुरीति नहीं हैं ये एक सामाजिक कलंक प्रथा है !! इसके साथ साथ दूसरी…

पश्चिमी राजस्थान से मृत्युभोज बंद करने का अभियान गति पकड़ रहा है: मा. भोमाराम बोस

• जागो हुक्मरान न्यूज़ पश्चिमी राजस्थान से मृत्युभोज बंद करने का अभियान गति पकड़ रहा है! सदियों पुरानी कुरीति का अंत तय,समाज का युवा व जागरूक वर्ग परिवर्तन की ओर…

भारत के प्रत्येक नागरिक “पॉवरफुल” हैं संविधान की वजह से! : हरीराम जाट

परंतु वो “नशा (शराब),पैसा “में बिक जाता हैं। • जागो हुक्मरान न्यूज़ 25 जनवरी “मताधिकार” दिवस भारत का संविधान, भाग:15“वयस्क मताधिकार! अनुच्छेद: 326. लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं…

मैं चलूं, आप चलों हम सब मिलकर एक साथ चलें, इस बीमारी को जड़ से खत्म करें: गोपीलाल बौद्ध

• जागो हुक्मरान न्यूज़ Article– मृत्यु भोज एक भीषण अभिशाप इंसान स्वार्थ व खाने के लालच में कितना गिरता है इसका नमूना होती है। सामाजिक कुरीतियां ऐसे ही पीड़ा देने…

आसान नहीं है मंजिल पाना! घूँघट से बिकनी: मास्टर भोमाराम बोस

• जागो हुक्मरान न्यूज आसान नहीं है मंजिल पाना घूँघट से बिकनी हर किसी महिला के लिए कठिन परीक्षा है। लेकिन मोती उन्हीं को मिलते हैं जो गहरे पानी में…