• जागो हुक्मरान न्यूज
आसान नहीं है मंजिल पाना
घूँघट से बिकनी हर किसी महिला के लिए कठिन परीक्षा है। लेकिन मोती उन्हीं को मिलते हैं जो गहरे पानी में गोते लगाते हैं।
ऐसा ही जज्बा व अथाह उमंग से सराबोर एक साहसी महिला का सफरनामा।
जी हाँ! हम जिक्र कर रहे हैं राजस्थान के पश्चिमी सीमा से सटे रेगिस्तान भू भाग के बीकानेर जिले के एक गाँव डूंगरगढ की,जहाँ से एक महिला जो बचपन में भेड़ बकरियों चराती और घर के कार्यों में व्यस्त रहती। शहरी आबोहवा व पश्चिमी संस्कृति से कोसों दूर। चेहरे पर भोलापन लिए जब उस बालिका का कम उम्र में ही विवाह हो गया था। वह खूब पढ़ना चाहती थी,पढ़ लिखकर सरकारी नौकरी करना चाहती थी लेकिन परिस्थितियों ने विवश कर दिया। पढ़ाई बीच में ही छूट गई। वह घूँघट की ओट में अपने सपने सजा रही थी और मन ही मन मुस्कराती रहती।
वह चिंतन और मनन भी करती रहती कि क्या सपने भी हकीकत में बदल सकते हैं? क्या मैं भी अपने सपनों की उड़ान भर सकती हूँ? फिर वह विचलित होकर रह जाती और अपने आप से पूछती कि तुम ऐसा नहीं कर सकती है। क्योंकि तुम एक औरत हो,तुम पिंजरे में कैद एक पक्षी की तरह हो,जो पँख तो फड़फड़ा सकता है,मगर उड़ नहीं सकता। यह सोचते सोचते वह माँ बन गई, अब तो जिम्मेदारियों अधिक बढ़ गई थी। फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी और वह जिम में नौकरी पर लग गई।
युवाओं को अपनी बॉडी बिल्डिंग का प्रशिक्षण लेते देख वह भी यदाकदा समय मिलने पर जिम में रखे उपकरणों से प्रैक्टिस करती और यकायक उनके दिमाग में एक प्रश्न आया कि यह केवल पुरूष ही क्यों करते हैं, क्या मैं नहीं कर सकती हूँ। उस समय तक उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि महिलाएं भी बॉडी बिल्डर्स बन सकती है। उसने जिम के कोच से जानकारी ली और मन में ठान लिया कि मैं भी यह कर सकती हूँ।
कुछ समय के लिए उसने बॉडी बिल्डिंग का प्रशिक्षण लिया,हालांकि भारतीय महिलाओं के लिए यह बहुत कठिन कार्य है। क्योंकि समाज की सीमाओं को लांघना बहुत मुश्किल था। उसमें भी राजस्थान का पश्चिमी भाग जो अभी महिला शिक्षा, रोजगार, फैशन आदि को कम ही मान्यता देता है। उनका मानना है कि बालिकाओं को पढ़ लिखकर क्या करना है, उन्हें तो चूल्हा-चौकी,वंश बढ़ाने के लिए बच्चे पैदा करना ही तो है। राजस्थानी परिधान जो महिलाओं को शारिरिक रूप से ढककर रखता है, यहाँ तक कि एक औरत को अपना चेहरा भी घूँघट की ओट में छिपाकर रखना पड़ता है। किसी गैर मर्द से बात करना, अकेले घर से दूर रहना आदि तो वह सपने में भी नहीं सोच सकती है।
फिर एक महिला को बॉडी बिल्डर्स बनने के लिए तो इन सब को नजरअंदाज करना होगा। उसने दृढ़ निश्चय कर दिया कि जो भी होगा लेकिन वह बॉडी बिल्डर्स बन कर ही रहेगी। इसके लिए उसके माता-पिता,पति व परिवार के अन्य सदस्यों ने भी खूब प्रेरित किया तथा उन्हें अपनी प्रतिभा में निखार लाने की पूरी आजादी दे दी। धीरे धीरे उसने ट्रेक शूट, जीन्स-टी शर्ट पहनना शुरू किया और अंत में बिकनी।
अब वह बहुत फ्रैंक हो चुकी थी और बिना किसी संकोच किए प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगी। वह वर्ष 2018 से 2020 तक लगातार तीन वर्ष मिस राजस्थान भी रही। महिला बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में भी खिताब जीतने लगी,अनेक मंचों पर उन्हें सम्मानित किया जाने लगा। देखते ही देखते वह विश्व चेम्पियनशिप में चयनित हो गई। दिनांक 17-18 दिसम्बर 2022 को थाईलैंड के पटाया ने आयोजित विश्व स्तरीय महिला बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में उसने तमाम बंधनों को तोड़ते हुए हिस्सा लिया और चेम्पियनशिप जीतकर गोल्ड मैडल अपने नाम किया,उन्हें प्रो कार्ड भी मिला। पूरे देश में खुशियां छा गई, कोई उसे भारत देश की बेटी तो कोई उसे राजस्थान की बेटी कहकर अपनी खुशी का इजहार करने लगा।
लेकिन मीडिया जो चौथा स्तंभ कहा जाता है उसने इस बेटी को कवरेज नहीं किया और न ही सरकार द्वारा कोई रिस्पॉन्स। कारण स्पष्ट है कि प्रिया सिंह मेघवाल जाति से बिलोंग करती है जो संविधान में अनुसूचित जाति के रूप में सूचीबद्ध है। यहाँ कि सामाजिक व्यवस्था भी थोड़ी बहुत जिम्मेदार है।
लेकिन हमें गर्व है कि हमारे समाज की बेटी ने वह कर दिखाया जिसका सपना हमारे महा पुरुषों ने वर्षों पहले देखा था। भारतीय संविधान महिलाओं के हक और अधिकारों की आजादी देता है और संविधान की बदौलत ही प्रिया सिंह मेघवाल इस मुकाम तक पहुंची है। हालांकि उनका सफर बहुत लंबा है,उसे विश्व ओलंपिक खेलों में भी अपना करिश्मा दिखाना है।
वैसे इन्होंने विकट परिस्थितियों में यह मुकाम हासिल किया है जिसमें अनेक लोगों,संगठनों आदि का भी सहयोग रहा है। अगर भारत सरकार व राजस्थान सरकार प्रिया सिंह को प्रोत्साहित करने हेतु आर्थिक पैकेज देती है तो सोने पे सुहागा वाली बात है। विश्व महिला बॉडी बिल्डिंग चेम्पियन प्रिया सिंह को बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।।
लेखक- मास्टर भोमाराम बोस, प्रदेश महामंत्री (भारतीय दलित साहित्य अकादमी, राजस्थान प्रदेश )
संपर्क – 982923009