Category: Poem’s JHN

कविता: समाज को विकास पथ पर मोड़े हम

• जागो हुक्मरान न्यूज़ समाज को विकास पथ पर मोड़े हम हमारा आदर्श समाज,घिरा है एक दीवार से,दीवार में पत्थर की तरह,बैठी कुरीतियां,तोड़नी होगी हमें,शिक्षा के हथौड़े से,समाज खड़ा चौराहे…

कविता: “देखा भी तो क्या देखा”

• जागो हुक्मरान न्यूज़ “देखा भी तो क्या देखा” देखा भी तो क्या देखाअगर देखा नहीं गोरखाना।देखता हुं दृश्य अब जब मैंमेङ पर खेत की बैठा संगिनी साथ।यह हरा ठिगना…

कविता: हम राजस्थानी हैं

• जागो हुक्मरान न्यूज हम राजस्थानी हैं हम सबसे सच्चे सबसे अच्छे वो राजस्थानी हैं,हम गोगानवमी को गोगामेड़ी में जाकर बजाते टन्नी हैं।हम देवनारायण जी की फड़ सबसे लम्बी बताते…

काव्य रचना: ‘राहत का महोत्सव’

• जागो हुक्मरान न्यूज़ राहत का महोत्सव जन-जन का हो रहा सम्मान, आगे बढ़ रहा राजस्थान!सीधे तौर पर लाभान्वित हो, महंगाई का हो निराकरण!! महंगाई से राहत पाने के लिए,…

काव्य रचना: ‘मोबाईल हो बच्चो से दूर’

• जागो हुक्मरान न्यूज़ मोबाईल हो बच्चो से दूर घर घर म्हारों संदेशों सुण लिजो रें।छोटे‌ बच्चों के हाथ मोबाईल मत दीजो रें।।मोबाईल सुं बिगड़ जावे परिवार रे,गंदे गंदे विडियों…

काव्य रचना- ‘अद्वितीय नितेश आर्य’

• जागो हुक्मरान न्यूज़ ★ अद्वितीय नितेश आर्य ★ खाकी का मानवीय अक्स, जिनके है अनोखे कार्य!न्यायपूर्ण शैली से सुशोभित,व्यक्तित्व हैं नितेश आर्य!! अनैतिक कुरीतियों में परिर्वतन का, अनूठा है…

दीवाली : कवियत्री- श्रीमती शकुन जिन्दल

• जागो हुक्मरान न्यूज़ -: दीवाली :- अतिशुभ मंगलमय दिवाली,दीपों की बारात दिवाली।सबके घर लाये खुशहाली,हर्ष, उल्लास, उमंगों वाली। झाड़ू-पोंछा, रंग-रोगन वाली,लीप पोत मांडी रंगोली,।जगमग सज-धज हो निराली,होड़ लगी सुंदरता…

‘मेरे घर भी आई दिवाली’: डॉ गुलाब चन्द जिन्दल

• जागो हुक्मरान न्यूज़ – मेरे घर भी आई दिवाली – मेरे घर भी आई दिवाली,धूम-धड़ाका लाई दिवाली।रंग-बिरंगी आई दिवाली,घर-घर में लाई खुशहाली।। मम्मी ने भी पहन ही डाली,आज वो…

काव्य रचना – “360° वाले भ्रष्टाचारी”

• जागो हुक्मरान न्यूज़ 360° वाले भ्रष्टाचारी पैसे खाने वाला सीधा दिखता है, भ्रष्टाचारी!जबकि अनेक रूपों में घूमता हैं, भ्रष्टाचारी!! पैसों से भी अनमोल समय है, विद्यार्थी और गरीब का!अनमोल…