• जागो हुक्मरान न्यूज़
मोबाईल हो बच्चो से दूर
घर घर म्हारों संदेशों सुण लिजो रें।
छोटे बच्चों के हाथ मोबाईल मत दीजो रें।।
मोबाईल सुं बिगड़ जावे परिवार रे,
गंदे गंदे विडियों देख प्रेम प्रसंग करावे रे।
गांव गांव भाया कह दीजो रें,
बच्चों को मोबाईल मत दीजो रे।
घर परिवार मे ध्यान थोड़ो राखो रें
मोबाईल बिगाड़ दियो सारो खाको रे।
पति पत्नी के तलाकनामा रो हाको रें,
भाया टाबरिया सुं मोबाईल दूर राखों रें।
आने वाली पीढी सामे जरूर झाको रे,
मोबाईल सुं बिगड़ियों समाज रो खाको रे।
टाबरिया मोबाईल सुं गेम खेले रे,
पढाई रो रस्तों छोड़ चले बुरे गले रे।
शारीरिक मानसिक बीमारी ले ले रे,
परिवार तो ही मोबाईल दूर नहीं मेऴें रे।
ओ मोबाईल आर्थिक नुकसान करावे रें,
समाज मे तो ही टाबरियां ने नहीं डरावे रे।
घर घर म्हारों संदेशों सुण लिजो रे ,
छोटा टाबरियां ने मोबाईल मत दीजो रें।
रोज रोज रिचार्ज भाया कठा सुं लावा रे,
मोबाईल रे कारण संतुलित भोजन नीं खावा रें।
आ बुरी आदत टाबरियां ने छोड़ा वों रें,
सभी परिवार वाला अपनी नजर दौड़ा ओं रे।
कविता रे पाण संदेशों कवि रे थाने कहवे रें,
ओ संदेशों लिखणियों रणोदर गांव रहवें रें।
घर घर संदेशो झंवताराम रो सुण लिजो रे,
छोटा टाबरियां ने मोबाईल मत दीजो रें।।
- कवि झंवताराम बामणिया रणोदर