• जागो हुक्मरान न्यूज़

-: दीवाली :-

अतिशुभ मंगलमय दिवाली,
दीपों की बारात दिवाली।
सबके घर लाये खुशहाली,
हर्ष, उल्लास, उमंगों वाली।

झाड़ू-पोंछा, रंग-रोगन वाली,
लीप पोत मांडी रंगोली,।
जगमग सज-धज हो निराली,
होड़ लगी सुंदरता वाली।

नई-नई हर चीज निकाली,
साड़ी चूड़ी और बिंदी और लाली।
सजने और संवरने वाली,
खुशी-खुशी रहे घरवाली।

बैर द्वेष मिटाने वाली,
दुश्मन को गले लगाने वाली।
मेल-मिलाप कराने वाली,
शुभ आशीर्वाद दिलाने वाली।

उपहारों की प्रथा निराली,
देते-देते जीजा और साली।
बोनस गिफ्ट दिलाने वाली,
अपनापन जगाने वाली।

बिछुड़ों से मिलाने वाली,
दुःख चिंता को मिटाने वाली।
अच्छी सेहत देने वाली,
घर में बरकत लाने वाली।

सबकी हो रंगीन दिवाली,
सुख-समृद्धि औ’ वैभवशाली।
घर-घर में आये खुशहाली,
मंगलमय हो सबकी दिवाली।।

कवियत्री- श्रीमती शकुन जिन्दल
गुलाब बाड़ी, अजमेर (राज.)

(वर्ष 2001 में लिखी कविता जो हकदार पाक्षिक में प्रकाशित हुई)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *