• जागो हुक्मरान न्यूज़

रतनगढ़ | भारतीय दलित साहित्य अकादमी के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष रमेश डिगवाल का मंगलवार को निधन हो गया, जिनका फतेहाबाद (हरियाणा) में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया जिसमें साहित्यकारो, पत्रकारों एवं समाजसेवी लोगों ने शामिल होकर अश्रुपूर्ण नेत्रों से अंतिम विदाई दी। रमेश डिगवाल का जन्म राजस्थान के रतनगढ़ में हुआ था। रमेश डिगवाल भारतीय दलित साहित्य अकादमी से काफी वर्षो से जुड़े हुए थे।

डिगवाल समाजिक कार्यकर्ता के साथ-साथ पत्रकार और लेखक थे। उन्होनें एक समाचार पत्र का प्रकाशन भी किया था। ढेरों राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित व डॉ अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुए। जैसे ही रमेश डिगवाल के निधन का समाचार मिला साहित्य जगत में शोक की लहर छा गई।

भारतीय दलित साहित्य अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोहनलाल सुमनाक्षर, राजस्थान प्रदेश के अध्यक्ष स्वामी आत्माराम उपाध्याय (जोधपुर), नंदलाल बौद्ध (चूरू), दैनिक सीमान्त रक्षक व साप्ताहिक डॉ. अम्बेडकर और बहुजन समाचार पत्र समूह के प्रधान सम्पादक बौद्धाचार्य सत्यपाल धम्मदीप, जागो हुक्मरान के सम्पादक और आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति राज. के प्रदेश मीडिया प्रभारी धर्मपाल चन्देल ने रमेश डिगवाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।

राजेन्द्र बाकोलिया ने “जागो हुक्मरान” को जानकारी देते हुए बताया कि

भारतीय दलित साहित्य अकादमी के प्रदेशाध्यक्ष हरियाणा एवम अत्यंत स्नेही मेरे चाचाजी प्रो रमेश डिगवाल का लम्बी बीमारी के बाद देहांत हो गया है। वर्तमान में वो हरियाणा के फतेहाबाद जिले में रहते थे । जब मैंछोटा था तो इन्होंने अपनी अंगुली पकड़ाकर मुझे बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर के जीवन और मिशन पर चलाना सिखाया। मुझे याद है कि इन्होंने मेरे पिताजी को एक पुस्तक दी जिसका नाम था, शूद्रों की खोज , वो मेरे हाथ लग गई तो मैने पढ़ डाली । बाद मे हमारी बाबा साहब के मिशन पर चर्चा होती रहती थी इस प्रकार इन्होंने मेरे जीवन को नया मोड़ दिया। वो हमेशा वैचारिक रूप से मेरे साथ रहे। सुख दुःख में हमेशा साथ रहे।


आपने अपनी जीवन यात्रा जीरो से प्रारम्भ की थी। सामाजिक एवम समाज सेवा के क्षेत्र में नए नए कीर्तिमान स्थापित किया। आपने लोकरेखा नामक पत्रिका का सम्पादन किया। भारतीय दलित साहित्य अकादमी ने आपको ढेर राष्ट्रीय एवम अन्तर राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा था डॉक्टर अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से समानित किया गया।
यात्रा …आपने मिशन के सिलसिले में अनेकों देश विदेश यात्रा कि अकादमी के सम्मेलन में भाग लेने हेतु नेपाल भी गए।


आप पत्रकार, लेखक एवम सच्चे समाज सेवी थे। आप भगवान बुद्ध, कबीर, रविदास ,गाडगे आदि पीर पैगम्बर एवम संतो के विचारो से प्रभावित थे।
ज्योति राव फूले, डॉक्टर अंबेडकर , शहीद ऊधम सिंह, भगत सिंह पेरियार रामास्वामी नायकर ,माता रमा बाई, सावित्रि बाई फुले झलकारी बाईआपके आदर्श थे।
आप खुद एक समाज सुधारक , निडर एवम साहसी व्यतित्व के धनी था। दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्या आपके सामने बोनी थी।
समाज आपको याद रखेगा।


आपको सत सत नमन!

Reporter- M.R. Mandiwal

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