नए जिले की हलचल तेज
• जागो हुक्मरान न्यूज़
सांचौर | सांचौर को जिला बनाने की मांग को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। गुरुवार की शाम को सांचौर विधायक, राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई एवं जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा कर सांचौर को जिला बनाने की मांग उठाई।
जिसके बाद शुक्रवार को मंत्री सुखराम बिश्नोई ने सांचौर में प्रेस वार्ता कर सांचौर को जिला बनाने की पूरी संभावना जताई है। उन्होंने बताया कि गुरुवार शाम को सीएम से मुलाकात करते हुए हमने मांग रखी है। मुख्यमंत्री गहलोत ने हमारी पूरी मांगे सुनी है 17 मार्च को संभवतः विधानसभा में मुख्यमंत्री जिलों की घोषणा करेंगे।
हमने भी सांचौर को जिला बनाने की वाजिब मांग रखी है अब जिला बनने की पूरी उम्मीद है। सांचौर जिला बनने के सभी मापदंड पर खरा उतरता है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सकारात्मक आश्वासन दिया हैं। अगर सांचौर को जिला बनने की सौगात मिलती है तो आने वाली कई पीढ़ियां याद रखेगी।
सांचौर को जिला बनाने का मुख्य आधार:-
- जालोर ज़िला मुख्यालय से सांचौर उपखंड मुख्यालय की दूरी क़रीब 150 किलोमीटर है वहीं चितलवाना उपखंड मुख्यालय की ज़िला मुख्यालय से दूरी क़रीब 170 किलोमीटर है।
- सांचौर के दूरस्थ व विषम परिस्थितियों वाले नेहड़ क्षेत्र के अधिकतर गांवों की ज़िला मुख्यालय से दूरी 200 किलोमीटर से भी ज़्यादा है,जिनमें ग्राम वेडिया की ज़िला मुख्यालय से दूरी 220 किलोमीटर है। वहीं आखिरी राजस्व गांव रणखार की ज़िला मुख्यालय से दूरी 243 किलोमीटर है। इस दूरी के चलते आमजन को सांचौर के विभिन्न गांवों से जालोर जिला मुख्यालय पर आने-जाने में भयंकर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दूरी व आवागमन की दिक़्क़तों के चलते आमजन के बहुत से काम अधूरे पड़े रहते हैं या फिर होते ही नहीं है।
- आज़ादी के बाद जालोर ज़िले का गठन मारवाड़ व मालानी व सिरोही की सीमा के आधार पर किया गया था जो अब प्रासंगिक नहीं है।
- सांचौर एक बड़ी जनसंख्या व विशाल भू-भाग वाला इलाक़ा है जिसका एक बड़ा हिस्सा अधिकतर अभावग्रस्त व बाढ़ से प्रभावित रहता है। जिनमें लूणी नदी का बेसिन क्षेत्र प्रमुख है।
- क्षेत्र में नर्मदा नहर परियोजना आने के बाद यहां का जनसांख्यिकी, भौगोलिक व आर्थिक परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है।नहर में काश्तकारों, आमजन के डूबने की होती रहती है इसके लिए अतिशीघ राहत एवं बचाव की आवश्यकता रहती है। जिला मुख्यालय दूर होने के कारण निर्णय लेना, सूचना पहुँचाना , राहत कर्मी आने में देरी हो जाती है।
- सांचौर के पास भवातड़ा गांव में सूखा बंदरगाह,जैसलमेर से कांडला रेल लाइन प्रस्तावित है सांचौर बेसिन में तेल,गैस के अथक भंडार है
पचपदरा रिफाइनरी से सीधा कनेक्ट है। इस दृष्टि से सांचौर जिला बनने की संपूर्ण योग्यता रखता है। - सांचौर क्षेत्र के बीचों-बीच से दो बड़े राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-68 और भारत माला सड़क परियोजना गुजरते हैं जिनके ज़रिए सांचौर जुड़ा हुआ है।
वही, सांचौर गुजरात राज्य का सीमावर्ती क्षेत्र भी है।
यदि सांचौर ज़िला बनता है तो यहाँ विकास के नये आयाम स्थापित होंगे जिनमें औद्योगिक विकास भी शामिल है। तमाम कारणों से सांचौर क्षेत्र शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा एवं व्यवसाय में अतिपिछड़ा है।
सांचौर जिले के लिए इस प्रकार पुनर्गठन किया जा सकता हैं:-
जालौर जिले के सांचौर, चितलवाना, सायला, बागोड़ा, रानीवाड़ा, सरनाऊ तथा बाड़मेर जिले के गुडामालानी के कुछ हिस्से रामजी का गोल, गांधव, साता, बाखासर क्षेत्र को मिलाकर के सांचौर जिला बनाया जा सकता है।
3 संभाग और करीब 10 नए जिले:- बनाने की मांग पर गंभीर चर्चा हो रही है। जिसमें बालोतरा, ब्यावर, कोटपुतली, डीडवाना, फलौदी, सांचौर, अनूपगढ़ गंगापुर सिटी, नीमकाथाना हैं।
इसके साथ 60 जगहों से जिला बनाने की मांग को लेकर रामलुभाया कमेटी के पास प्रस्ताव आया है। यह कमेटी जल्द ही सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने वाली है। कमेटी का कार्यकाल 13 मार्च को समाप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्री राम लुभाया की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय कमेटी का कार्यकाल 6 माह के लिए बढ़ाया गया।
नवीन जिला गठन हेतु मांग का प्रस्ताव के संबंध में जिला कलेक्टरों से सूचना एकत्रित कर परीक्षण करने एवं उसके बाद समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने में अभी समय लगना संभावित है इसे देखते हुए समिति के कार्यकाल को बढ़ाया गया है।
रिपोर्ट- अरविंद डाभी