बोन कैंसर होने से कटवाना पड़ा था बायां पैर

• जागो हुक्मरान न्यूज़

चितलवाना | व्यक्ति के मन में दृढ़ इच्छा शक्ति और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो उसकी प्रगति की राह में विकलांगता बाधा नहीं बन सकती। विकलांगता चाहे कैसी भी हो लेकिन हौसलों की ताकत सबको पछाड़ देती हैं।

ऐसा ही कुछ कर दिखाया जालौर जिले की लेदरमेर गांव की गरीब किसान परिवार की बिटिया पूरी मेघवाल ने।
लेदरमेर गांव में जन्मी पूरी मेघवाल पिता सवाराम मेघवाल किसान है और माता देवू देवी गृहणी है।
सवाराम के 7 बेटियां और दो बेटे हैं। पूरी मेघवाल बीए, बीएड है। खेलों के साथ साथ में वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रही हैं।

फरवरी 2023 में तमिलनाडु के तंजावुर जिले में आयोजित 11वीं सीनियर राष्ट्रीय पैरा सीटिंग वॉलीबाल प्रतियोगिता में राजस्थान की टीम में पूरी मेघवाल ने अद्वितीय खेल कौशल दिखाकर फाइनल में कर्नाटक को हराकर स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश में परचम लहराया हैं।
जहां अब पूरी मेघवाल का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जुलाई महीने में आयोजित होने वाली वर्ल्ड पैरा सीटिंग वॉलीबाल एशियन चैंपियनशिप फ़ॉर मैन एंड विमेन 2023 के लिए चयनित किया गया। जहां वह अपने हुनर का प्रदर्शन जुलाई महीने में अल्माटी, कजाकिस्तान में करेगी।

पूरी मेघवाल का वर्ष 2016 में पांव में बोन कैंसर जैसी असाध्य बीमारी होने के कारण बायां पैर काटना पड़ा था। इस कारण से कृत्रिम पैर लगवाया। अपनी शिक्षा जोधपुर में दिव्यांग हॉस्टल में हुईं। जहां उन्हें दिव्यांग खिलाड़ियों से प्रेरणा मिली और 2019 से खेलना प्रारंभ किया। एक के बाद एक कई पदक जीतकर के कीर्तिमान रचा हैं।

मेघवाल ने 4 पदक जीतकर रचा इतिहास:- पूरी मेघवाल ने खेल के क्षेत्र में 2 गोल्ड,1 सिल्वर व 1 ब्रांच मेडल जीतकर रचा इतिहास। सन 2023 में तमिलनाडु में आयोजित पैरा सीटिंग वॉलीबॉल में गोल्ड मेडल,
2022 उत्तराखंड में गोला फेंक में गोल्ड मेडल और 2021 में पैरा सीटिंग वॉलीबॉल में सिल्वर मेडल,2019 में एक पैर की 100 मीटर दौड़ में ब्रांच मेडल जीतकर देश प्रदेश में अपना परचम लहरा कर देश की नारी शक्ति के लिए प्रेरणा स्रोत बनी है।

रिपोर्ट – अरविंद डाभी

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