दिनांक 11 नवम्बर 2024 को उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन। क्षेत्र के सैंकड़ों लोगों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

• जागो हुक्मरान न्यूज

कैप्टन खींयाराम गेंवा का जन्म मेघवाल कुल में दिनांक 18 जनवरी 1953 को उनके पैतृक गाँव गड़ा, तहसील-शेरगढ़, जिला जोधपुर में पिता चैनाराम व माताजी श्रीमती टीपू देवी की कोख से हुआ था। आपके पिताजी स्व.चैनाराम जी भी भारतीय सेना में हवलदार थे तथा माताजी स्व.श्रीमती टीपू देवी कुशल गृहणी थी। कैप्टन खींयाराम जी गेंवा ने प्राथमिक शिक्षा अपने पैतृक गांव गड़ा से ग्रहण की तथा कक्षा छठी से दशवीं जोधपुर से उत्तीर्ण की।

आप पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद में भी विशेष रुचि रखते थे। वॉलीबॉल व फुटबॉल के वे जिला स्तरीय खिलाड़ी भी रहे हैं। दशवीं के बाद आपका भारतीय सेना के सेना सेवा कौर ग्रुप में सिपाही के पद पर चयन किया। लेकिन अपने पढ़ाई को जारी रखा तथा सेवा के दौरान इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की।

आपकी भारतीय सेना में बेहतरीन सेवाओं के परिणाम स्वरूप सन 1971 में लांस नायक के पद पर पदोन्नत किया गया। उसके बाद आपने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और देश सेवा के जज्बे के साथ देश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं व सामरिक महत्व के ठिकानों पर साहस व वीरता का परिचय दिया और 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को परास्त कर तिरंगा लहराया। सन 1972 में आपको नायक,सन 1974 में हवलदार,सन 1977 में हवलदार मेजर,सन 1979 में बटालियन हवलदार मेजर,सन 1995 में क्वार्टर मास्टर हवलदार,सन 1997 में नायक सूबेदार, सन 1998 में सूबेदार,सन 2000 में सूबेदार मेजर,सन 2001 में ऑनरेरी लेफ्टिनेंट तथा सन 2002 में कैप्टन के पद पर पदोन्नत किया गया। 31 जनवरी 2002 को भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए। सेवाकाल के दौरान वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध, वर्ष 1999 में कारगिल ऑपरेशन, शांति सेवा (श्रीलंका),असम में बोडो उग्रवाद को समाप्त करने व जम्मू-कश्मीर में लिबरेशन फ्रंट को हटाने में आपकी विशेष भूमिका रही है। आपकी उत्कृष्ट सेवाओं को देखते हुए उत्तरी कमान जी.ओ.सी.,एन.सी.सी. कमेंडेशन कार्ड से नवाजा गया।

आर्मी स्टाफ थलसेना अध्यक्ष जनरल पद्मनाभन द्वारा भी सराहनीय सेवाओं के लिए सम्मानित किए गए। इसी दौरान आपको चीफ आर्मी स्टाफ ए. डी.सी.-2(ADC-2) बनाया गया। सेवानिवृत्ति के बाद कैप्टन खींयाराम जी गेंवा जयभीम शिक्षण संस्थान शेरगढ़ के स्थायी सदस्य मनोनीत हुए और जीवन पर्यंत समाज सेवा,शिक्षा,पर्यावरण,जन-जागृति,सामाजिक सरोकारों में अहम भूमिका निभाई। आपका भरा पूरा परिवार है जो सुशिक्षित व विभिन्न विभागों में सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं। दिनांक 11 नवम्बर 2024 को आपका अपने पैतृक गाँव गड़ा में अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें जिला सैनिक बोर्ड जोधपुर के प्रभारी अधिकारी कर्नल दलपतसिंह खंगारोत द्वारा पुष्प चक्र अर्पित कर सलामी दी। क्षेत्र के सैंकड़ों लोगों ने मातृ भूमि के इस वीर सपूत को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

संकलन: मास्टर भोमाराम बोस

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