• जागो हुक्मरान न्यूज़

फिर मनुवाद हावी

साथियो फिर मनुवाद हम पर हावी होने मे सफल होता नजर आ रहा है. इसका उदाहरण उच्चतम न्यायालय का एक अगस्त का निर्णय है. क्योंकि उच्चतम न्यायालय मे मनुवाद का बोलबाला है. बाबासाहेब के संविधान की वजह से हमारे समाज के व्यक्ति आईएएस आईपीएस, राजकीय सेवाओं मे उच्च पदों पर पंहुचने लगे ही है और इस मनुवाद को सहन नहीं हो पाया और हमारे ऊपर कृमिलीयर का आदेश थोप दिया ताकि हमारे समाज के व्यक्ति उच्च पदों पर नहीं पंहुच पाए. इसलिए मनुवादी व्यवस्था नें एह चक्रव्यू रचा है और हमारे समाज को टुकड़ो मे बाँट दिया ताकि हम आपसे मे ही उलझे रहे. साथियो जरा मनन कीजिये यदि संविधान मे प्रद्द्त व्यवस्था के अनुसार हमें सही अधिकार मिलता तो हमारे समाज की यह स्थिति नहीं रहती. आज भी हमारा समाज 90% ग़रीबी रेखा से जीवन व्यतीत कर रहा है उसके पास कमाई का कोई साधन नहीं है केवल मजदूरी के आलावा कोई साधन नहीं है फिर वो अपने बच्चो को कैसे उच्च शिक्षा दिला पायेगा क्योंकि वर्तमान सरकार नें शिक्षा इतनी महंगी कर दी कि मध्यम वर्ग भी अब अपने बच्चो को उच्च शिक्षा नहीं दिला सकता साथ ही सरकार नें किताबों पर भी gst लगा दी है इसलिए किताबें भी बहुत महंगी मिलने लगी है.
साथियो मनुवादी हमारा पछले 4000 सालो से सोसण करता आ रहा है और ज़ब से मनुवादी सरकार बनी है तब से ही हमारे ऊपर कोई ना कोई हमारे विरोधी आदेश करती रही है और यह ही नहीं न्यायिक व्यवस्था मे भी मनुवादी लोग बैठे हुए है इसलिए वो हमारे समाज को कैसे ऊपर देख सकता है इसलिए हमें मनन करने कि जरूरत है और बाबासाहेब के रास्ते पर चलते हुए एकजुटता के साथ इस आदेश का विरोध सब मिलकर करना है. वँचित समाज यह नहीं समझे कि उनके साथ अन्याय हो रहा है और कुछ जातीया ही आरक्षण का लाभ ले रही है जो आगे बढ़े है क्या वो वंचिओ को आगे बढ़ने से थोड़े रोक रहा है बल्कि आगे बढ़े हुए तो एकजुटता के साथ आरक्षण को पूरा करने के लिए पुरजोर लड़ाई लड़ रहा है. अभी भी हमारा कोटा 6-7% से ज्यादा नहीं भरा है फिर आप ही बताओ कि आगे बढ़े हुए लोग वंचिओ के आगे कैसे अड़ंगा लगा सकते है जरा मनन करने कि आवश्यकता है.
आसा है आप सब मेरी भावना से सहमत होंगे और अलग से आंदोलन करने के विचारों को त्यागते हुए हम सब एकजुटता का परिचय देंगे. इसी आसा के साथ जय भीम नमो बुद्धाय, जय संविधान!

~ डगरारा पँवार “नवनीत”
प्रदेश अध्यक्ष, राष्टीय दलित साहित्य अकादमी, राजस्थान

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