• जागो हुक्मरान न्यूज़

खून पसीने की बारिश !

हमने खून पसीने की कमाई तो सुना था, खून पसीने की बारिश पहली बार सुना है ।
हुआ यू की मुझे रात को एक सपना आया ।
सपने में एक नॉन बायोलॉजिकल (अलौकिक) मनुष्य आया ।
आप सोच रहे होंगे अलौकिक मनुष्य होता ही नही ।
लेकिन एआई के जमाने में यह संभव है ।
मैं किसान का बेटा हूं इसलिए सपने में मैंने उनसे बारिश मांगी ।
उन्होंने कहा कि मैंने आपके ऊपर “सरकार” नाम का सिस्टम बैठा रखा है । यह बारिश कराने का जिम्मा तो उनका है ।
मैंने कहा – बारिश करने का काम तो भगवान का होता है ।
उन्होंने कहा – आपने सुना नहीं सरकार ही तो भगवान होती हैं ।
मैंने कहा -मैंने तो जनता जनार्दन सुना है ।
उन्होंने कहा – यह तो राजनीति के भाषण मात्र हैं ।असल में भगवान तो सरकार ही होती है ।
मैंने कहा – चलो ठीक है,
तो यह सरकार जिसे आप भगवान कह रहे हैं बारिश कब कराएगी ?
वह बोला -तेरा खोपड़ा खराब हो गया है ।प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं ।सरकार इसी काम में तो लगी हुई है ।
बादल बनाने के लिए दिन रात मेहनत कर रही है ।
मैंने बोला -बादल बरसाने की तकनीक तो वैज्ञानिकों ने पहले ही खोज ली है ।
बोला -अरे मूर्ख ! बादल बरसाने की नहीं बादल बनाने की तकनीक पर काम हो रहा है ।
मैंने कहा – बादल कैसे बनाएंगे ?
वह बोला -जिस प्रकार तेज धूप के तपने से समुद्रों का पानी वाष्पोत्सर्जन की क्रिया से भांप बनकर ऊपर उठ जाता है और बादल बनते हैं फिर वह बादल बरस जाते हैं ।
उन बादलों को बरसाना तो वैज्ञानिकों ने सीख लिया है लेकिन बादल बनाना वैज्ञानिकों को अभी तक आया नहीं है।
सरकार के पास एक आइडिया आया है –
कि लोगों को बिजली ना देकर , बिजली कटौती की जाए ।जिससे गर्मी में लोगों के पसीने छूटेंगे और शरीर तर बतर हो जाएगा ।
और सबसे ज्यादा जनसंख्या चीन के बाद भारत में ही है । इसलिए इस जनसंख्या का भी सदुपयोग होगा । जितने ज्यादा लोग होंगे उतना ही ज्यादा पसीना आएगा ।
ज्यादा पसीना आएगा तो उस पसीने से वाष्पोत्सर्जन की क्रिया से भांप बन कर पानी ऊपर उठेगा और वह बर्फ के रूप में जमा हो जाएगा ।फिर वह बर्फ पिघलकर बारिश के रूप में धरती पर बरसेगा।
इस प्रकार सरकार ने इसके लिए खून पसीना एक कर रखा है तो इसे सरकार के खून पसीने की बारिश कहेंगे ।
मैंने कहा -जब खून पसीना जनता का बह रहा है तो उसे जनता के खून पसीने की बारिश कहना चाहिए ।
बोले – अपनी-अपनी सुविधा अनुसार कुछ भी कह सकते हो लेकिन है यह खून पसीने की बारिश है।
क्योंकि यह सरकार की होशियारी है । चुनाव प्रचार के दौरान तो जनता से हाथ उठवा कर समर्थन मांगते हैं और चुनाव के बाद जनता पर हाथ उठाते हैं ।
या यूं कहें चुनाव में जनता से हाथ खड़े करवाकर समर्थन मांगते हैं और चुनाव के बाद तो जनता अपने आप हाथ खड़े कर देती है ।
आगे उन्होंने कहा –
इस प्रकार खून पसीने की बारिश कराने के महायज्ञ में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जिन-जिन लोगों का योगदान है मै उन्हें बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं ।
फिर जाते-जाते उस अलौकिक पुरुष ने कहा –
कि जो यह समाचार सुनकर या पढ़कर 100 लोगों को आगे भेजेगा उसकी हर मनोकामना पूर्ण होगी ।
और जो इसे देखकर स्क्रोल करेगा या अनदेखा करेगा या इसे मिटा देगा तो वह बहुत बड़े घाटे में जाएगा ।
इतने में मेरी आंख खुल गई और सपना टूट गया ।
मेरी तरह कई और लोगों की आंख खुलना व सपना टूटना बाकी है ।
😂😂🤪🤪

लेखक: शौकिन खान साहवा

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