• जागो हुक्मरान न्यूज़
सरदारशहर | कृषि विभाग व कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा इन दिनों में किसानों को खरीफ फसलों को रोगों से बचाने के लिए किसान जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से किसानों को जागरूक किया जा रहा है। शुक्रवार को ग्राम पंचायत बिजरासर में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण के दौरान किसानों को केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करते हुए वर्तमान में बीटी कॉटन की फसल में गुलाबी सुंडी, बाजारा, मोठ, मूंग आदि फसलों को कातरे से बचाने के लिए किसानों को जागरूक किया गया। चूरू कृषि विभाग के सहायक निदेशक के निर्देश पर कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. मुकेश शर्मा ने कहा कि बीटी कपास में गुलाबी सुंडी की मॉनिटरिंग हेतु कृषक प्रतिदिन सुबह जल्दी खेत में जाएं। यदि फसल में कीट का प्रकोप पाया जाता है तो पहली स्प्रे नीम आधारित कीटनाशकों जैसे- नीम तेल 5 एमएल/लीटर या अजाडिरेक्टिन 300 पीपीएम 5 एमएल/लीटर की की दर से करें। किसान कीटनाशकों का छिड़काव सुबह जल्दी या शाम के समय करें। छिड़काव में बारीक फुहार धुआं बनाने वाली स्प्रे गन काम मे लें। भानीपुरा सहायक कृषि अधिकारी राजेंद्र प्रसाद स्वामी ने किसानों को विभागीय सिफारिश अनुसार नीम के तेल का छिड़काव करने का सुझाव दिया। बरसात होने पर खेतों में ग्वार व मूंग की फसल अच्छी दशा में है। गुलाबी सुंडी से बचाव के लिए खेतों में फेरोमेन ट्रेप ज्यादा से ज्यादा लगाए। उन्होंने किसानों को खरपतवारों से फसल में पैदा होने वाले कीटों तथा उनके नुकसान के बारे में विस्तार से बताया। खरीफ की फसलों के हानिकारक कीटों की पहचान, कीटों का जैविक नियंत्रण एवं उनके आईपीएम विधियों द्वारा प्रबंधन तथा गुलाबी सुंडी पर नियंत्रण के बारे में बताया। इस मौके पर कृषि पर्यवेक्षक सुमन, प्रेमचंद डूडी, मौनू कुमारी, राशी कम्पनी से महेंद्र शर्मा आदि ने किसानों को खेती के बारे में जागरूक किया। इस एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण में 50 से अधिक किसानों ने भाग लिया।