• जागो हुक्मरान न्यूज़
तारानगर | मानवता के प्रकाशपुंज तथागत बुद्ध के मार्ग (धम्म) पर चलने से ही हमारा धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक विकास हो सकता है। यह बात बौद्धाचार्य सत्यपाल धम्मदीप ने रविवार को तारानगर में भींवाराम मण्डार के सुपुत्र ताराचंद मण्डार की नवजात कन्या के नामकरण समारोह में उपस्थित उपासक उपासिकाओं को सम्बोधित करते हुए कही। बौद्धाचार्य ने बताया कि हमारे जीवन में संस्कारों का क्या महत्व है और व्यक्ति के जीवन की किस प्रकार शुरूआत होती है। इस विषय पर विस्तार से बताते हुए बौद्धाचार्य सत्यपाल धम्मदीप ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में मां का बहुत बड़ा योगदान होता है। जो अपने गर्भ में 9 माह तक शिशु को रखती है और गर्भ से बाहर आने के बाद भी मां अपने शिशु के पालन-पोषण और उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर देती है। तब कहीं जाकर सफल व्यक्ति का निर्माण होता है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए मां का स्थान बहुत ही ऊंचा और पूजनीय होता है।
बौद्धाचार्य ने त्रिशरण, बुद्ध वंदना और पंचशील के बारे में विस्तार से बताया। नवजात बच्ची की माता सोना देवी की इच्छानुसार बच्ची का नाम अक्षिता रखा गया जिसे सभी परिवार जनों ने पुष्प वर्षा कर आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर उपस्थित परिवारजनों को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ अध्यापक बीरूराम छापरवाल, सामाजिक कार्यकर्ता चेतन बौद्ध ने धार्मिक आडम्बरों और सामाजिक कुरीतियों से दूर रहने का आह्वान किया। इस दौरान भगवानाराम मण्डार, शुभकरण मण्डार, प्रभुराम मण्डार, मनफुल पटीर, राजकुमार पटीर आदि मोजुद रहे।