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रतनगढ़ | राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, लकड़ाई में कार्यरत अध्यापिका हेमलता बैरवा के साथ स्टाफ और ग्रामीणों द्वारा 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) पर आयोजित कार्यक्रम रुकवाने और जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने के मामले में डॉ. अंबेडकर अनुसूचित जाति अधिकारी कर्मचारी एसोसिएशन की और से अध्यापिका हेमलता बैरवा न्याय और सुरक्षा प्रदान करने की मांग की मांग को लेकर अजाक रतनगढ़ इकाई ने मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।

संगठन अध्यक्ष अशोक आलड़िया ने बताया कि 26 जनवरी को भारत के 75 वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान बारां जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लकड़ाई तहसील किशनगंज में पदस्थापित अध्यापिका हेमलता बेरवा के अपने संवैधानिक लोक सेवक के उत्तरदायित्वों का निर्माण करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण सदस्यों एवं स्कूल के कुछ स्टाफ द्वारा आयोजन के दौरान जानबूझकर व्यवधान उत्पन्न करने, शिक्षिका को सार्वजनिक रूप से डरने धमकाने एवं जाति सूचक शब्दों से तिरस्कार कहते हुए अपमानित किया। जो महिला समाज के लिए बहुत ही निंदनीय निंदनीय बात है। इससे पूर्व भी प्रदेश में अनुसूचित जाति जनजाति समुदाय एवं महिलाओं के साथ उत्पीड़न एवं सामूहिक बलात्कार की घटनाएं निरंतर होने के संबंध में संस्था द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पत्र भेजे गए हैं और मांग भी की है की शिक्षिका घटना के समय लोक कर्तव्य के निर्वहन में राष्ट्रीय पर्व का आयोजन कर रही थी इसलिए विभाग की ओर से उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाए‌। जांच व कार्रवाई के नाम पर अनावश्यक परेशान नहीं किया जाए। मानसिक संबल तोड़ने हेतु, हितों के विपरीत शिक्षिका की इच्छा के बिना अन्यत्र प्रस्तानांतरण नहीं किया जाए।

शिक्षिका द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर थाना नारगढ़ जिला बारां राजस्थान में लोक कर्तव्य में बाधा डालने से संबंधित धारा आरोपी गण के विरुद्ध जानबूझकर दर्ज नहीं की गई है इस बाबत विभाग ने भी कोई पहल नहीं की है जबकि यह विभाग की जिम्मेदारी है। अतः यह धारा दर्ज करवाकर निष्पक्ष अनुसंधान सुनिश्चित किया जाए। घटना के समय राष्ट्रीय पर्व आयोजित हो रहा था लोक सेवक को राष्ट्रीय पर्व में उपस्थित होना आवश्यक होता है अतः विद्यालय के अन्य शिक्षकों की घटना के समय उपस्थित पूर्ण संभावित है लेकिन घटना के समय विद्यालय के अन्य शिक्षकों ने घटना रोकने की ग्रामीणों को समझने की कोई कोशिश नहीं की, शिक्षिका की जगह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आरोपी ग्रामीणों का साथ दिया है। उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करवाई जाए। शिक्षिका को विद्यालय परिवार में तथा घटना के बाद रिपोर्ट दर्ज करते समय भी डराया गया धमकाया गया। शिक्षिका के साथ किसी भी तरह की दुर्घटना अनुचित दबाब की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता । एससी-एसटी एक्ट के तहत शिक्षिका को एवं उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए।

ज्ञापन सौंपने वालों में रजनी आनंद, अर्चना, कविता, सुनिता आलडिया, सुमन शीला, वीरेंद्र कुमार बुनकर, प्रिंसिपल विनोद कुमार सिसोदिया, व्याख्यता रिखाराम तालणियां, पुरूषोत्तम लाल शीला, भोलाराम इंदलिया, इन्द्रचन्द कंवल, भोलाराम इंदलिया, वेदप्रकाश पंवार, वीरेंद्र जायसवाल, सुभाष सुलखनिया, शुभकरण दायमा, एंड सुरेश कुमार घारू, राजेन्द्र सुडा, हेमंत पवार, महेंद्र कुमार, जे पी भाटी, व्याख्यता मुरलीधर गाडगिल, मदनलाल, राजेन्द्र कुमार बाकोलिया, पुनमचंद, लालचंद पवार पूर्व पार्षद, पंकज, सुरेन्द्र जायसवाल, मोहनलाल, नवरत्न लोहिया, शंकरलाल , मुकेश कुमार, भंवरलाल आदि उपस्थित रहे।

रिपोर्ट: एम.आर. मंडीवाल

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