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बाड़मेर | सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती लीला नामा कीटनोद, (बालोतरा) ने आज अपने जन्मदिन के अवसर पर राजकीय मेडिकल कॉलेज बाड़मेर को देहदान की घोषणा की। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी.एल.मसूरिया को उन्होंने संकल्प पत्र प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर उनके पुत्र विशाल नामा, पुत्री मुस्कान, दामाद गणपत बामणिया, सुंदर बारुपाल, तथा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ साथ समाज सेवी उदाराम मेघवाल पूर्व प्रधान शिव एवं प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसाइटी जयपुर, तगाराम खती जिला अध्यक्ष राजस्थान मेघवाल परिषद बीकानेर शाखा बाड़मेर, डॉ. राहुल बामणिया अध्यक्ष मेघवाल समाज शोध एवं शिक्षण संस्थान बाड़मेर, वरसा राम तहसीलदार चितलवाना, साहित्यकार मास्टर भोमाराम बोस प्रदेश महामंत्री भारतीय दलित साहित्य अकादमी राजस्थान प्रदेश, अचलाराम पंवार कोषाध्यक्ष राजस्थान मेघवाल परिषद बीकानेर शाखा बाड़मेर, बाबूलाल राणावत कृषि अधिकारी बाड़मेर, उत्तम बोस कृषि अधिकारी बाड़मेर, इंजी.वैरसीराम वेंकट भलगांव, विमला बृजवाल, टीपू पातलिया, चन्द्र शेखर भाटिया राज.पुलिस, छगन मेघवाल पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष, छात्र नेत्री शहनाज शम्मा आदि ने मानव देहदानी लीला नामा का शॉल व पुष्पहार द्वारा अभिनन्दन कर जन्मदिन की बधाई दी।

डॉ.बी.एल.मसूरिया ने कहा कि देहदान महादान है। मृत देह को मेडिकल कॉलेज में दान करने पर मेडिकल डॉक्टर्स व टीम को मानव शरीर श्रंखला का अध्ययन एवं शोध करने में सहायता मिलती है। मेडिकल कॉलेज बाड़मेर को अब तक करीब तीन दर्जन से अधिक मानव देहदान की घोषणा के साथ संकल्प पत्र इस कार्यालय को प्राप्त हुए हैं। देहदानी श्रीमती लीला नामा ने बताया कि मरने के बाद शरीर को जला दिया जाता है या जमीन में गाड़ दिया जाता है। लेकिन अगर देह को मेडिकल कॉलेज को दान की जाती है तो उसका चिकित्सा के क्षेत्र में सदुपयोग होगा। मेरा यह प्रयास महिलाओं को प्रोत्साहित करने में सहायक होगा।

वहीं तगाराम खती ने बताया कि देहदान से बड़ा कोई दान नहीं है। परिषद के प्रयासों से अब तक तीन दर्जन से अधिक लोगों ने संकल्प पत्र कॉलेज मे सोंपे गये है।

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