• जागो हुक्मरान न्यूज़

चूरू | बौद्ध विहार नवांं, राजगढ़ में डॉ. बी आर अंबेडकर का 65 वां बौद्ध धम्म दीक्षा समारोह बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। समारोह के अध्यक्ष धर्मपाल बौद्ध ( प्रदेश अध्यक्ष समता सैनिक दल राजस्थान) ने जानकारी देते हुए बताया की सम्राट अशोक ने कलिंग पर विजय प्राप्त करने बाद आज ही के दिन बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण की थी। इसलिए इसको अशोक विजय दशमी के नाम से जाना जाता है। इसी दिन बौधिसत्व बाबा साहेब डॉ. बी आर अंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में अपने 10 लाख अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण कर भारत को पुनः बौधमय बनाने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया। अतः आज के दिन को संपूर्ण विश्व का बौद्ध समाज अपने गौरवमय स्मरण के साथ मनाता है। समारोह के मुख्य अतिथि ओम प्रकाश सुनिया पिलानी, विशिष्ट अतिथि फौजी सुनील भूपेश झेरली, रमेश दायमा अध्यापक पिलानी व गजेंद्र सादलपुर ने अपने प्रेरणादाई विचार व्यक्त किए। आए हुए सभी अतिथियों का धर्मपाल बौद्ध ने अपने द्वारा लिखित पुस्तक “ऐसे थे डॉक्टर अंबेडकर “भेंट कर सम्मानित किया।

उपस्थित सभी युवाओं को बुद्ध के उपदेश व अंबेडकर साहित्य प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया। पवन बौद्ध ने इस बौध्द बिहार में हुए 14 अप्रैल 2021 के दीक्षा समारोह को जिसमें 40 लोगों ने बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी, उस कार्यक्रम को राजस्थान का एक रिकॉर्डमय आयोजन बताया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए युवाओं में सूरजपाल बौध्द, पवन बौद्ध, राजू बौध्दद, सोमवीर बौद्ध, अजीत बौद्ध, प्रवीण बौध्द, शेर सिंह बौद्ध, सचिन बेरवाल, मनोज बेरवाल, दिनेश, प्रमोद, अंकित लखोटिया, अजय कुमार, नरेश, पुष्पेंद्रर, विजेंदर आदि युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। प्रसाद व भोजन की व्यवस्था संतरो बौध्द व बबीता बौद्ध ने संभाली।

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