• जागो हुक्मरान न्यूज़

पहला विकल्प:-
“जातिवाद” को “मिटाना”


सभी जाति, धर्म के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता करना अति आवश्यक:-
जातिवाद मिटाने के लिए अचूक उपाय है हर(रोजाना) एससी,एसटी लोगों के साथ देश में 92 से 125 लोगों के साथ सामाजिक अन्याय होता है,एससी,एसटी महिलाओं के साथ रेप करके उसको मार दिया जाता हैं,कभी मूछ रखने पर,कभी मटकी में पानी पीने पर,कभी चश्मा पहनने पर,कभी अच्छे कपड़े पहनने पर,कभी शादी में घोड़ी पर चढ़ने पर एससी,एसटी लोगो को पीटा या मारा जाता हैं इसका जिम्मेदार केवल केवल जातिवाद है???
जातिवाद को मिटाने के लिए एससी,एसटी और ओबीसी की रोटी-बेटी का रिश्ता कायम रखना होगा।
पूरे विश्व में केवल अंतर्जातीय विवाह ही नहीं वरन अंतर्धर्मी विवाह और अन्तर्देशीय विवाह की आवश्यकता है। जब तक दुनिया के सभी जातियों और धर्म के लोग आपस में रोटी बेटी का रिश्ता बनाना सहज स्वीकार नहीं कर लेते तब तक आपस में प्रेम, एकता, भाईचारा, समानता, बंधुता और सद्भावना नहीं हो सकता।

जब तक हमारे बीच रोटी बेटी का रिश्ता सहज स्वीकार नहीं किया जाता, तब तक किसी भी शर्त में हमारा यह कहना कि “देश दुनिया में जातिगत असमानता नहीं है दो धर्म के बीच संघर्ष नहीं है” अन्याय और व्यर्थ ही है।

कहने को तो कोई कुछ भी कह सकता है मगर क्या यह सत्य है?? क्या वह वास्तविकता के निकट है???

यदि नहीं तो ऐसा कहना अनुचित, अन्याय और व्यर्थ ही होगा। इसलिए जब तक पूरे विश्व में, विशेषकर भारत में सभी जाति धर्म के बीच रोटी बेटी का रिश्ता बनाना सहज स्वीकार नहीं किया जाता तब तक आप भेदभाव और संघर्ष समाप्त होने की बात नहीं कह सकते। तब तक आपका यह कहना भी कि “देश में सभी जाति धर्म के लोग आपस में भाईचारा और प्रेम से रहते हैं” गलत और अपूर्ण होगा।

आइए देश में जाति धर्म के बंधन से मुक्त होकर जिएं और अपने आने वाली पीढ़ी को जाति धर्म के बंधन से मुक्त कर उनके बीच रोटी बेटी का रिश्ता जोड़ने का प्रयास करें।
जातिवाद ने बहुजनों के महापुरुषों का अपमान किया है महात्मा ज्योतिबा फूले,सावित्री बाई फुले, शिवाजी जी महाराज, पेरियार और बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर जी का जातिवाद के कारण कई अपमान किया गया था।

जातिवाद मिटाने का दूसरा विकल्प-
भारत का संविधान की जानकारी, बहुजनोंं के महापुरुषों के जीवन, चरित्र, संघर्षों एवं योगदान और बामसेफ ज्वाइन!!


जातिवाद के लिए भारत का संविधान के उद्देशिका या प्रस्तावना, मौलिक अधिकार जानना और समझना चाहिए अनुच्छेद 13,14,15,17,19
अनुच्छेद: 15. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध——
(1) राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध के केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।।

भारत का संविधान में हम भारत के लोगों…… को संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य] बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों कोः सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय,विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समता
प्राप्त कराने के लिए,
तथा उन सब में
व्यक्ति की गरिमा और [राष्ट्र की एकता और अखंडता] सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर देती है।
•√ बहुजनों के महापुरुषों की किताबों को पढ़ना और समझना भी अति आवश्यक है जैसे : भारत का संविधान, महात्मा ज्योतिबा फूले की गुलामगिरी,किसान का कोड़ा और सत्यशोधक।।
•√ बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर की जातिवाद का विनाश,जाति व्यवस्था,अछूत कौन और कैसे??,जातिवाद का जनाजा,शूद्रों की खोज और जातिभेद का बीजनाश,जाति उत्पति का भ्रम जाल।।
•√ बामसेफ संगठन देश में भाईचारा, एकता, अखंडता, संप्रभुता, समानता, बंधुता और न्याय की भावना से कार्य कर रही है देश में संविधान और महापुरुषों की विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं बामसेफ संगठन ने देश में अंधविश्वास, पाखंडवाद, सामाजिक कुरीतियां, मुत्युभोज, दहेज प्रथा, नशा मिटाने का काम जोर से कर रही है!!

लेखक-
हरीराम जाटनसीराबाद, अजमेर (राज.)
सम्पर्क – 𝟵𝟰𝟲𝟭𝟯-𝟳𝟲𝟵𝟳𝟵

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