राजस्थान के जालोर में सुराणा गांव में हाल में तीसरी कक्षा के 9 वर्षीय एक दलित छात्र की मौत के मामले में मंगलवार रात भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद सुराणा गांव पहुंचे। चंद्रशेखर आजाद को सुराणा गांव पहुंचने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और बुधवार को उन्होंने छात्र के परिजनों से मुलाकात की।

• जागो हुक्मरान न्यूज़

जालौर | राजस्थान के जालोर में सुराणा गांव में हाल में कक्षा 3 के 9 वर्षीय एक दलित छात्र की मौत के मामले में फिलहाल पुलिस जांच कर रही है। वहीं सुराणा गांव में पीड़ित परिजनों से नेताओं और दलित संगठनों के लोगों की मुलाकात का सिलसिला अब थम गया है। इसी बीच मंगलवार रात भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद राजस्थान पुलिस को चकमा देकर सुराणा गांव पहुंच गए। इससे पहले आजाद को दो बार पुलिस ने जोधपुर एयरपोर्ट से वापस भेज दिया था। वहीं छात्र इंद्र मेघवाल की मौत के अगले दिन आजाद ने ऐलान किया था कि वह किसी भी हाल में छात्र के परिजनों से उनके घर में मुलाकात करेंगे।

चंद्रशेखर आजाद को सुराणा गांव पहुंचने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं मंगलवार को जालोर पहुंचने के बाद बुधवार सुबह आजाद ने मृतक छात्र के परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदना प्रकट की। चंद्रशेखर आजाद ने इंद्र मेघवाल के पिता देवाराम मेघवाल से मुलाकात की और मामले में न्याय का आश्वासन दिया।

जालोर जाने की पहले दो कोशिश नाकाम-

वहीं इससे पहले चंद्रशेखर आजाद ने घटना के बाद ही पीड़ित परिवार से मिलने का ऐलान किया था जिसके बाद 17 अगस्त की दोपहर में पुलिस ने जोधपुर में हवाई अड्डा थाने में आजाद को डिटेन करके रखा और इसके बाद पुलिस उन्हें दिल्ली छोड़कर आई।

इसके बाद अगले दिन, आजाद ने फिर से दिल्ली से जोधपुर के लिए उड़ान भरी, लेकिन उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया। वहीं पुलिस से काफी बातचीत के बाद प्रशासन ने चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को जालोर बाल गृह जाने देने पर राजी हुआ जहां से उन्होंने परिवार की बात आज़ाद से वीडियो कॉल पर करवाई।

मुआवजे पर गहलोत सरकार को घेरा-

वहीं छात्र की मौत के बाद भीम आर्मी चीफ ने ट्वीट कर कहा था कि, देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। वही दूसरी तरफ पानी के मटके को छूने पर इतना पीटा गया कि जान ही चली गयी। उन्होनें कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी 9 साल के दलित बच्चे को जालोर मे जातिवाद का शिकार होना पड़ा, हमें पानी के मटके को छूने की भी आजादी नही! फिर क्यों आजादी का झूठा ढिंढोरा पीट रहे है?

इसके बाद गहलोत सरकार के पीड़ित परिवार को दिए मुआवजे पर न्याय में दोहरे मापदंड का आरोप लगाते हुएआजाद ने कहा था कि, राजस्थान के पूरे दलित समाज को बधाई हो, अशोक गहलोत जी ने हमारे 9 साल के भाई की जान की कीमत 5 लाख रुपये लगाई है। मुख्यमंत्री जी चाहते हैं कि 5 लाख रुपये लो और अपने मुंह पर ताला लगा लो और जब भविष्य में किसी जितेंद्र या इन्द्र की हत्या हो तब रोना और चिल्लाना।

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