• जागो हुक्मरान न्यूज
चितलवाना | “जो मेहनत से थकता नहीं, उसके सामने मंज़िल झुकती है, राहों में चाहे जितने भी हों कांटे, वो क़दमों से फूल बनती है।” इस कहावत को साकार किया है रामपुरा गांव के होनहार कैलाश पन्नावत ने, जिनका हाल ही में राजस्थान पुलिस सेवा में जालौर जिले से बैण्ड कांस्टेबल के पद पर अंतिम रूप से चयन हुआ हैं।
कैलाश के अंतिम रूप से चयन होने पर परिवारों के सदस्यों ने साफा पहनाकर और माल्यार्पण कर इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए खुशी जाहिर की।
कैलाश कुमार ने बीए और बीएड की डिग्री प्राप्त कर शिक्षा के क्षेत्र में भी सफलता हासिल की है। इससे पहले उनका 2018 में एसएससी जीडी और 2021-22 में राजस्थान पुलिस सेवा के प्री परीक्षा में भी चयन हुआ था, लेकिन अंतिम रूप से चयन नहीं हो सका। कैलाश ने 2022 की राजस्थान पुलिस भर्ती में फिजिकल टेस्ट में भी शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन महज 0.30 अंक से मेरिट में रह गए थे। ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती में भी प्री परीक्षा पास की, लेकिन मैन्स में 8 अंक से पीछे रह गए। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करते हुए आखिरकार राजस्थान पुलिस सेवा में स्थान बना लिया।
पन्नावत परिवार रामपुरा समाज के लिए प्रेरणा स्रोत:-कैलाश पन्नावत की सफलता सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि उनके पूरे परिवार की प्रेरणादायक कहानी है। उनके पिता तेजाराम मेघवाल एक सरकारी अध्यापक हैं और दादा रावताराम रामपुरा गांव के सरपंच हैं। उनके बड़े भाई नरपत कुमार वरिष्ठ अध्यापक के रूप में सेवा दे रहे हैं, जबकि छोटे भाई भागीरथ कुमार राजकीय महाराणा भूपाल चिकित्सालय, उदयपुर में जीएनएम नर्सिंग सेवा में कार्यरत हैं।
इस प्रकार, तीनों भाईयों का सरकारी सेवाओं में स्थान पाना न सिर्फ उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव और समाज के लिए गर्व का विषय है। यह परिवार अपनी मेहनत और संघर्ष से सफलता की मिसाल पेश कर रहा है। वहीं, कैलाश की इस सफलता से पूरे गांव में खुशी का माहौल हैं।
इनका कहना हैं कि- “मेरे तीनों बेटे सरकारी नौकरी में चयनित हुए हैं, यह हमारे परिवार के लिए गर्व का पल है। मैं चाहता हूं कि हमारे जैसे सभी परिवार भी अपने बच्चों को इसी तरह प्रेरित करें और उनके सपनों को साकार करने में मदद करें।” -तेजाराम मेघवाल (अध्यापक) राउमावि चितलवाना
रिपोर्ट: अरविंद डाभी