• जागो हुक्मरान न्यूज़

जयपुर | बहुजन समाज पार्टी राजस्थान की 12 जिलों की कार्यकारिणी ने पदों से इस्तीफा दे दिया है। बसपा के 12 सीनियर नेताओं को 4 जुलाई 2022 को बसपा प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा की ओर से निष्कासित किए जाने के खिलाफ नाराजगी जताते हुए ये इस्तीफे हुए हैं। बाबा के खिलाफ गहरी नाराजगी जताते हुए बसपा के राजस्थान प्रदेश मुख्य प्रभारी रामजी गौतम और प्रदेश प्रभारी सुरेश आर्य को पत्र लिखकर इस्तीफे सौंपे गए हैं। जयपुर जिला कार्यकारिणी और पदाधिकारियों में जिलाध्यक्ष रूपनारायण जाटोलिया, जोन प्रभारी रूपचंद रेहड़िया, जिला प्रभारी रामावतार सकरवाल, जितेंद्र चौधरी, जिला महासचिव महेश वाल्मीकि, कोषाध्यक्ष ज्ञानेंद्र कनवाड़िया, महानगर अध्यक्ष हरि नारायण जेदिया, जिला प्रभारी तुलसी दास चिंतामणी, जिला सचिव इंद्रदीप बालोलिया समेत पदाधिकारियों ने इस्तीफे पर साइन किए हैं।

बसपा की प्रदेश स्तरीय बैठक रविवार को जयपुर में प्रदेश कार्यालय पर आयोजित हुई। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर आकाश आनंद और प्रदेश मुख्य प्रभारी व राज्यसभा सांसद रामजी गौतम मौजूद रहे। इस दौरान कई जिलों के बसपा कार्यकारिणी के सदस्यों ने पार्टी प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा को तानाशाह और मनमर्जी करने वाले, भ्रष्टाचारी बताते हुए हटाने की मांग रखते हुए अपने इस्तीफे दे दिए। इनमें से 12 जिलों की कार्यकारिणी और विधानसभा स्तर तक की कार्यकारिणी ने इस्तीफे सौंपे हैं।

इनमें जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण भी शामिल हैं। साथ ही जोधपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, झालावाड़, डूंगरपुर, सिरोही, राजसमंद, धौलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा जिलों की कार्यकारिणी ने इस्तीफे दे दिए हैं। भगवान सिंह बाबा पर पार्टी विरोधी गतिविधियां और तानाशाही करने, मनमर्जी चलाने, भ्रष्टाचार और सीनियर नेताओं का अपमान कर उन्हें निष्कासित करवाने के आरोप लगाए गए हैं। जिलों की कार्यकारिणी ने रामजी गौतम और बसपा सुप्रीमो मायावती से भगवान सिंह बाबा को पार्टी से निकालने की मांग की है। उसके बाद ही पार्टी के लिए काम करने की बात कही है।

जयपुर समेत 12 जिलों की कार्यकारिणी पदाधिकारियों ने इस्तीफे दिए- जयपुर जिलाध्यक्ष रूपनारायण जाटोलिया ने कहा हम जिले की समस्त कार्यकारिणी के सदस्य अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि हमारे सीनियर पदाधिकारियों के साथ पिछले 2 महीने से बहुत बुरा बर्ताव हुआ है। उन्हें गलत इल्जाम लगाकर पार्टी से निकाला गया है। जबकि वो ईमानदारी से अपना काम कर रहे थे। प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा तानाशाही से कार्यकर्ताओं से बर्ताव कर रहे हैं। हमें भी इससे नाराजगी हुई है। जयपुर के कार्यकर्ता असहज महसूस कर रहे हैं। भविष्य खतरे में नजर आ रहा है। इसलिएसभी पदाधिकारी इस्तीफा सौंप रहे हैं। राजस्थान के कुल 12 जिलों की कार्यकारिणी पदाधिकारियों ने अपने इस्तीफे दिए हैं।

भगवान सिंह बाबा की तानाशाही और पूर्वाग्रह विचार से कार्यकर्ता आहत- जयपुर जोन प्रभारी रूपचंद रेहड़िया ने कहा प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा अपनी तानाशाही और पूर्वाग्रह से ग्रस्त विचारों से काफी कार्यकर्ताओं को आहत करते हैं। उनकी मनमानी का जो काम करता है, उसे वो आगे बढ़ाते हैं। बाकी हर व्यक्ति को अपमानित करने का काम करते हैं। हम पार्टी के वफादार और सच्चे सिपाही हैं। बहन मायावती हमारी नेता हैं। राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर आकाश आनंद हमारी पार्टी के लीडर हैं। हम उन्हीं को अपना नेता मानेंगे। हमारी पार्टी से कोई शिकायत नहीं है। भगवान सिंह बाबा को हटाएंगे, तभी हम 12 जिलों के पार्टी के नेता ईमानदारी से पार्टी का काम करेंगे।

बाबा ने पैसे लिए जिसका सबसे बड़ा उदाहरण राजेन्द्र सिंह गुढ़ा – रामजी गौतम को लिखे पत्र में कहा गया है कि बाबा के नेतृत्व में 2023 में बसपा राजस्थान में सत्ता में नहीं आ सकती है। क्योंकि उनका पिछला चुनावी कार्यकाल 2013 का रहा है। उसमें भी पार्टी के वोटों का प्रतिशत काफी गिरा था। 2009 के बाद बाबा झालावाड़ के दौरे पर नहीं आए। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे हर बार यहां से चुनाव लड़ती हैं। लेकिन बाबा ऐसे लोगों को टिकट देते हैं तो सांठ-गांठ कर चुनाव हार जाते हैं। कई जगह बाबा ने पैसे भी लिए हैं। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण राजेंद्र सिंह गुढ़ा हैं । जिन्होंने 2008 चुनाव में धोखा दिया। सभी 6 विधायकों को कांग्रेस में ले गए। दोबारा 2018 के विधानसभा चुनाव में भगवान सिंह बाबा के इशारे पर राजेन्द्र गुढ़ा को बसपा से टिकट दिया गया। गुढ़ा ने दोबारा पार्टी को धोखा देकर 6 विधायक कांग्रेस में शामिल करवाकर पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ दिया। भरतपुर में जिला परिषद चुनाव में बाबा ने कैंडिडेट से सौदा कर एक-एक सीट पर दो-दो टिकट जारी कर दिए। लाखों रुपए की वसूली की गई। जब इस बात का खुलासा हुआ, तो फॉर्मेलिटी के लिए एफआईआर दर्ज करवाई गई। लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला। उसमें एफआर लगा दी गई है। बहन मायावती के जन्मदिन की राशि लेकर भी बाबा ने घोटाला किया है।

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