■ कृषि मंत्री कटारिया के विधानसभा क्षेत्र में धरतीपुत्र बहा रहे खून के आंसु

■ एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंकों ने जारी किए इश्तेहार, सरकार के दावों की खुली पोल

■ कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के खिलाफ लोगों में आक्रोश

■ जोबनेर में आज 20 किसानों की जमीनें निलाम होगी

● जागो हुक्मरान न्यूज़

जयपुर। राजस्थान में किसान कर्ज माफी का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार अपना वादा पूरा करने में असफल होती दिखाई दे रही है। कांग्रेस सरकार को सत्ता संभाले तीन साल से भी ज्यादा समय हो गया, लेकिन अब तक किसानों का कर्ज माफी का वादा पूरा नहीं हो सका है। हालांकि सरकार की ओर से किसानों के 50 हजार रुपए के कर्ज माफ करने का भले ही आश्वासन दिया गया हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। लंबे समय से कर्ज नहीं चुका पा रहे अनेक किसानों की जमीन नीलामी की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके लिए प्रशासन की ओर से किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं, गांवों के सार्वजनिक स्थानों पर इश्तेहार चस्पा किए गए हैं।

खेती घाटे का सौदा होने के कारण किसान कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं। हालांकि किसानों के कर्ज की राशि में से कुछ का भुगतान भी किया, लेकिन ब्याज व पैनल्टी के कारण कर्ज की राशि बढ़ कर दो गुणा हो गई । ऐसा ही एक प्रकरण में आज कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के विधानसभा क्षेत्र में 20 किसानों की जमीने नीलाम की जाएंगी।

ये वहीं किसान है जो बीते तीन सालों से कर्ज माफी का इंतजार कर रहे थे लेकिन कर्जमाफी की जगह उन्हें जमीन नीलामी की सौगात मिली है। खुद कृषि मंत्री के क्षेत्र जोबनेर में हो रही इस कार्रवाई से किसानों में बहुत आक्रोश है वे कृषि मंत्री और सरकार को कोस रहे है। उनका कहना है कि सरकार भले ही कितने ही वादें करें लेकिन किसानों के हित में कोई काम नहीं किया जा रहा है ।

किसानों के अनुसार प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी पिछले तीन सालों से मुद्दा बनी हुई है। सरकार का दावा है कि उसने हजारों करोड़ रुपए किसानों के कर्जे के माफ किए है लेकिन अब तक किसानों को किसी तरह की कर्जमाफी नहीं की गई है। वहीं दूसरी ओर बैंकों की ओर से कहा जा रहा है कि पूरी प्रक्रिया तय रुटीन के अनुसार की जा रही है और अन्य कई जिलों में भी इस प्रकार की नीलामियां की जा रही है। हालांकि इस पूरे प्रकरण के बाद सरकार के वादों और मंशा पर सवाल उठने लगे है।

बुधवार को दौसा में मृतक किसान की हुई जमीन नीलाम- बुधवार को सबसे ज्यादा चर्चा में रहा मृतक किसान की जमीन नीलामी का मामला। दरअसल, दौसा जिले के जामुन की ढाणी निवासी एक किसान परिवार की 15 बीघा दो बिस्वा ( करीब चार हेक्टेयर) जमीन अधिकारियों ने नीलाम कर दी। किसान परिवार के मुखिया कजोड़ मीणा ने करीब पांच साल पहले दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा में स्थित राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक से किसान केडिट कार्ड से सात लाख रुपये का कर्ज लिया था। इसी बीच, कजोड़ की मौत हो गई। इसके बाद बैंक के अधिकारियों ने किसान के दो बेटों राजूलाल और पप्पूलाल को पैसा जमा करवाने के लिए चार बार नोटिस दिया, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह कर्ज नहीं चुका सके।

राकेश टिकैत ने साधा निशाना- वहीं जमीन नीलामी को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने भी राजस्थान सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने ट्वीट किया जिला दौसा राजस्थान में किसानों की जमीन नीलम होने पर आज किसान परिवारों से मिलने दौसा जा रहे हैं आगे की रणनीति वहीं तय करेंगे। देर रात करीब 10:00 बजे राकेश टिकट रामगढ़ पहुंचे जहां उन्होंने किसानों के परिवार से बात की और आज अधिकारियों से बात करेंगे।

जोबनेर में आज 20 किसानों की जमीनें होंगी नीलाम- इधर, जोबनेर में कर्जमाफी की उम्मीद लगाए बैठे 20 किसानों की जमीने आज नीलाम हो जाएगी। यह क्षेत्र इसलिए भी विशेष है कि यह कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का विधानसभा क्षेत्र है और किसानों को आशा थी कि चुनाव में किए गए वादे को मंत्री जी जरूर पूरा करेंगे। लेकिन, इसके विरीत उनकी जमीनें बिकने की नौबत आ गई है। दरअसल, बैंकों की ओरसे किसानों को कृषि यंत्रों व कृषि उपकरणों पर लोन दिए गए थे। कई किसानों ने ट्रैक्टर पर लोन लिया, किसी ने खेती के साथ पशुपालन व मुर्गी पालन के लिए लोन उठाया। लोन की किश्तें समय पर जमा नहीं कराने के कारण बैंकों ने किसानों को डिफॉल्टर मान कर उनकी जमीन नीलाम की कार्यवाही शुरू कर दी है।

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