• जागो हुक्मरान न्यूज़
सांचौर | राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद , राष्ट्रिय पिछड़ा वर्ग मोर्चा (OBC), भारत मुक्ति मोर्चा एवं राणा पूजा युवा संगठन के बेनर तले मंगलवार को निम्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर सांचौर को महामहिम राष्टपति के नाम ज्ञापन दिया गया। चरणबद्ध आंदोलन के तहत आज पहला चरण ज्ञापन प्रदर्शन जाति आधारित जनगणना करवाई जाए एवम संख्या के अनुपात में एससी, एसटी, ओबीसी को हिस्सेदारी दी जाए। ओबीसी से असंवैधानिक क्रिमिलेयर हटाया जाए तथा एससी एसटी के रिजर्वेशन में क्रीमीलेयर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को वापस लिया जाए।
वन संरक्षण संशोधन अधिनियम 2023 लागू होने से पेसा एक्ट आर्टिकल 244 के माध्यम से 5 वी एवं 6 वी अनुसूची में मिले हुए संवैधानिक विशेषाधिकार, वनअधिकार, ग्राम सभा के अधिकार एवं जनजाति सलाहकार परिषद के अधिकारों को खत्म करके केंद्र सरकार के द्वारा वनों का निजीकरण करके वनों की पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है आदिवासी क्षेत्रों में आदिवासियों की जमीनों में छुपी हुई बहुमूल्य से बहुमूल्य धातुओं का दोहन करने के लिए पूंजीपतियों को जमीनों का आवंटन करके आदिवासियों को जल, जंगल,मकान एवं जमीनों के मालिकाना हक एवं अधिकारों से वंचित किया जा रहा है जिससे पूरे देश के आदिवासियों अपने जल,जंगल और जमीन से बड़े पैमाने पर विस्थापित हो रहे हैं विस्थापन की वजह से पांचवी एवं छठी अनुसूची क्षेत्र समाप्त होने एवं आदिवासियों की मूल पहचान, कला, सभ्यता, संस्कृति तथा उनके अस्तित्व पर एवं पर्यावरण के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है इस अवसर पर फोजा राम राणा (प्रदेश उपाध्यक्ष राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद) राजस्थान व मा वरिंगाराम वर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष (भारत मुक्ति मोर्चा) राजस्थान एवं श्रीमान पारसाराम राणा( अध्यक्ष राणा पूजा युवा संगठन )सांचौर, अशोक पढियार एवं हरिश कुमार, रुगनाथ राम गरडाली, प्रकाश मकवाणा सांचौर,रायंगाराम,दिलीप कुमार छजारा महादेवा राम लुणियासर,खोडा राम सुरावा,बेचराराम पातलिया जिलाध्यक्ष ( बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क) चतराराम धोरावत जिलाध्यक्ष (भारतीय युवा मोर्चा) एडवोकेट लाडुराम पंचाल, लीलाराम टिटोप,बाबुराम ब्लॉक अध्यक्ष राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद बागोड़ा, मोडाराम सरपंच लाखावास,चेनाराम गोलासन, वजाराम मेड़ा, बलवंत जी झेरोल, भगाराम लुणियासर सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
- जिला सांचौर के प्रत्येक संगठनों की ओर से मांग है की भूमिहीन परिवारों को भूमि आवंटित की जाए
- नियम 91 के अंतर्गत भूमि से बेदखल नहीं किया जाएगा बल्कि भूमिहीन तट को भूमि का उद्घाटन किया जाएगा।
रिपोर्ट: अरविंद डाभी