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जयपुर | राजकीय कन्या महाविद्यालय गणगौरी बाजार जयपुर के प्राचार्य डॉ. प्रहलाद सहाय बुनकर की अध्यक्षता तथा आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा से प्रोफेसर सुधा राठी एवं राजकीय महाविद्यालय टोंक से डॉ. प्रणु शुक्ला के आतिथ्य में राजभाषा हिंदी के संवर्द्धन के लिए विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ।
विचार गोष्ठी में डॉ. प्रणु शुक्ला ने हिन्दी भाषा की प्रासंगिकता व हिन्दी को ओर अधिक सशक्त बनाने पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हिन्दी विश्व के 600 विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जा रही है और सम्पूर्ण विश्व में हिन्दी की स्वीकार्यता में वृद्धि हुई है तथा विदेशी भी भारतीय भाषाओं का अध्ययन कर रहे हैं।

डॉ. सुधा राठी ने कहा कि हिन्दी की महत्ता और सहज संप्रेषण के कारण ही राजभाषा का स्थान मिला। हिन्दी भाषा की जननी संस्कृत है, तभी शब्द रचना सुबन्त आधारित परिष्कृत है।
प्राचार्य प्रोफेसर प्रहलाद बुनकर ने कहा कि हिन्दी वह भाषा है, जिसके प्रत्येक वर्ण का अर्थ होता है। इसी विशेषता के कारण जननी संस्कृत से अपना स्वरूप लेने वाली हिन्दी वैज्ञानिक भाषा की श्रेणी में खड़ी है। हम हिन्दी की मानक शब्दावली का प्रयोग अपने कार्य व्यवहार में अधिकाधिक करें। डॉ. ममता शर्मा ने कहा कि हम सभी को हिन्दी को सर्वस्व रूप में अंगीकार करना होगा तभी इसका संवर्धन हो सकेगा। हिन्दी हमारी सांस्कृतिक मूल्यों से परिचय करवाती है।

डॉ. सुलोचना शर्मा ने कहा कि हमें समाचार पत्रों के सम्पादकीय व स्तंभ लेख आदि के अध्ययन से समसामयिक जानकारी के साथ हिन्दी भाषा में दक्षता हासिल करनी चाहिए। संकाय सदस्य शैलेन्द्र शर्मा ने कहा कि हिन्दी दिवस पर ही हिन्दी की बात करते हैं, जबकि अन्य भाषाओं का भी अध्ययन करते हुए हिन्दी को गौरवान्वित स्थान पर पहुंचाने की आवश्यकता है। छात्राओं में लविका जेदिया, दीपिका जांगिड़, निकिता सोनी आदि ने कविताओं के साथ विचार व्यक्त किए। राजभाषा हिन्दी के महत्व पर निबन्ध प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनुपमा जोहरी ने किया।
इस दौरान संकाय सदस्य डॉ. भंवरी शर्मा, डॉ. रेणु सिंह, डॉ. मकरन्द भट्ट, डॉ. महेश मिश्रा, डॉ. कमलेश डबरिया, गौरव जोशी सहित विद्याथी मौजूद थे।

रिपोर्ट: सुरेन्द्र सिंह हरसोलिया

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