प्रदेशाध्यक्ष रूक्ष्मणी ने कंपनी के एमडी, ओआर एवं एचआर मैनेजमेंट से वार्ता करके आपसी सहमति के बाद श्रमिकों का धरना समाप्त करवाया
• जागो हुक्मरान न्यूज़
चौमूं | शहर के कालाडेरा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कोका कोला कंपनी में पिछले 22 साल से काम करने वाले श्रमिकों को बिना किसी कारण ही सभी श्रमिकों को 31 अगस्त को काम पर नहीं लिया। उसी दिन ने सभी श्रमिकों ने धरना दिया। काम पर नहीं लेने से गुस्साए श्रमिकों की ओर से पिछले पांच दिन से एक कंपनी के मुख्य गेट के बाहर धरना दिया गया।
श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष सांवरमल जाट व महामंत्री राजेंद्र सिंह ने बताया कि कंपनी में जयपुर ठेकेदारान वर्कर्स यूनियन के श्रमिक पिछले 22 साल से कार्यरत है, जिनकी आजीविका इसी कंपनी पर निर्भर है। सभी श्रमिक स्थानीय है। ठेकेदार द्वारा 31 अगस्त को बिना किसी सूचना के पुरानी श्रमिकों को कार्य पर नहीं लिया और नए श्रमिक लेकर कार्य करवाया जा रहा है। इसी को लेकर धरना दिया गया। पिछले दो दिन पूर्व ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्षा रूक्ष्मणी कुमारी ने धरना स्थल पर जाकर श्रमिकों की समस्याओं को लेकर उनके साथ धरना दिया।
प्रदेशाध्यक्षा रूक्ष्मणी कुमारी ने बताया कि बिना किसी कारण ही श्रमिकों को कंपनी से हटाना बहुत गलत है। इन सभी श्रमिकों की जीवन आजीविका इसी कंपनी पर निर्भर है। रूक्ष्मणी कुमारी ने कंपनी के मालिक से बात की। कंपनी के मालिक ने 2 दिन का वक्त दिया था।
श्रमिकों की समस्याओं को लेकर दो दिन पश्चात पुन: प्रदेशाध्यक्ष रूक्ष्मणी कुमारी धरना स्थल पर पहुंची और कंपनी के एमडी, ओआर एवं एचआर मैनेजमेंट से 3 घंटे की लंबी वार्ता के बाद सहमति बनी। श्रमिकों और कंपनी की वार्ता में श्रमिकों के हक में सहमति बनवाकर धरना समाप्त करवाया। सभी श्रमिकों को पुन: सुचारू रूप से श्रमिकों का काम चालू करवाया। सभी श्रमिकों के चेहरे खिल उठे। श्रमिक महेंद्र सिंह हरसोलिया ने बताया कि हम पिछले 22 साल से इसी कंपनी में काम कर रहे है, लेकिन बिना किसी कारण ही हम सभी श्रमिकों को हटा दिया गया। ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस कमेटी की प्रदेशाध्यक्ष रूक्ष्मणी कुमारी ने कोका-कोला कंपनी के एमडी, ओआर एवं एचआर मैनेजमेंट से वार्तालाप करके हम सभी श्रमिकों को पुन: सुचारू रूप से कंपनी में लगवाने पर सभी श्रमिकों ने खुशी जाहिर की। एवं प्रदेशाध्यक्ष रूक्ष्मणी कुमारी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इधर कंपनी के नए ठेकेदार बृजपाल सिंह ने बताया कि हड़ताल कर रहे श्रमिक के अपनी शर्तों पर कार्य करना चाहते हैं, जबकि कंपनी में पहले जितना वर्कलोड भी नहीं है और काफी कार्य मशीनरी से होने के कारण मैन पावर की भी डिमांड कम है।
रिपोर्ट: सुरेन्द्र सिंह हरसोलिया