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बाड़मेर | जिले के ग्राम लाखोंणियो मेघवालों की ढाणी पंचायत निम्बल कोट निवासी चिमनाराम बजाड़ की पत्नी 102 वर्षीय लिछमी देवी का 21 अगस्त को हृदय गति रुक जाने से देहांत हो गया।
श्रीमती लिक्षमी देवी अपने पीछे बेटे, पोते, पोतियाँ, पड़पौतो सहित भरा-पूरा परिवार छोड़कर गई है। गुरूवार को राजस्थान मेघवाल परिषद टीम बाड़मेर ने उनके निवास स्थान पर जाकर शोकाकुल परिवार जनों को सांन्तवना दी।
बैठक में परिवार जनों से वार्ता के दोरान दिवंगत लिछमी देवी के पुत्र शिवजी राम जो कि उप्रावि में प्रधानाध्यापक है ने बताया कि हम लोग रूढीवादी परम्परा हरिद्वार एवं मृत्यु भोज को दरकिनार करते हुवे बाहरवें पर मेहमानों के लिए साधारण भोजन (दाल-रोटी) ही बनायेंगे।
आरएमपी बाड़मेर जिलाध्यक्ष तगाराम खती ने बताया कि बजाड़ परिवार द्वारा लिए गए इस प्रेरणादायी निर्णय से समाज में नई चेतना जागेगी जिससे मृत्यु भोज जैसी कुरीति में होने वाले लाखों रूपयों की बचत होगी जो शिक्षा एवं विकास कार्यों में खर्च होंगे। बजाड़ परिवार द्वारा लिया गया यह फैसला समाज के लाखों परिवारों के लिए प्रेरणादायी बनेगा।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य एव सरपंच प्रतिनिधि रामदेरिया दुर्गाराम मेहरा, नवलाराम विर्ट, व्याख्याता फताराम पंवार, मल्लाराम पंवार, ऊकाराम तालणिया, खेमाराम मेहरा सहित आस पास गाँवों के कई रिस्तेदार एवं परिजन उपस्थित थे।