• जागो हुक्मरान न्यूज़

चूरू | जिले की सरदारशहर तहसील मुख्यालय पर शहर के मध्य में स्थित बापा सेवा सदन विद्यालय की चालीस बीघा भूमि को बचाने के लिए शुक्रवार को बापा सेवा सदन खातेदारी जमीन बचाओं संघर्ष समिति बैनर तले के कार्यकर्ताओं ने जिला कलक्टर को शुक्रवार को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में जिला कलक्टर को वस्तुस्थिति से अवगत करवाते हुए बताया कि सरदारशहर के मध्य भाग में अनुसूचित जाति, जनजाति समाज के बालक व बालिकाओं की शिक्षा के लिए वर्ष 1952 में बपा ठक्कर ट्रस्ट के माध्यम से बापा सेवा सदन विद्यालय की स्थापना की गई थी।

इस विद्यालय की स्थापना होने से सरदारशहर ही नहीं बल्कि बीकानेर संभाग के हजारों छात्र छात्राओं ने शिक्षा ग्रहण की जो अब सरकार और गैर सरकारी क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं। ज्ञापन में बताया कि 2004 में भाजपा सरकार की राजनीतिक द्वेषता के चलते प्रबंधन कमेटी भंग कर एसडीएम सरदारशहर को प्रशासक नियुक्त किया गया। 2012 में विद्यालय पूर्णतः बंद हो गया। जिससे विद्यालय भवन जर्जरावस्था में पहुंच गया और यहां गंदे पानी की गिनाणी बन गई।

ज्ञापन के माध्यम से सदन के कार्यकर्ताओं ने बापा सेवा सदन की चालीस बीघा भूमि वापस सौंपने की मांग की है और सावचेत किया है कि सदन को पुनः भूमि नहीं सौपी तो अनुसूचित जाति जन जाति समाज को आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

समिति के संयोजक धर्मपाल चन्देल ने बताया कि सदन की स्थापना के समय इसी मौहल्ले में मेघवाल समाज पंचायत के नाम से मेघवाल समाज ने लगभग दो बीघा जमीन पर विद्यालय भवन के लिए दी। 1961 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चंदनमल बैद के प्रयासों से सदन को बच्चों को खेलने, छात्रावास व हाथ करघा उद्योग विकसित करने के लिए चालीस बीघा जमीन राज्य सरकार की ओर से विद्यालय को आवंटित की गई। कांग्रेस नेता बैद के नेतृत्व में संस्था का विकास होता रहा। अजा, जजा छात्रों के लिए आवासीय छात्रावास समाज की स्थापना कल्याण विभाग की ओर से किया गया।

राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर के प्रदेश उपाध्यक्ष श्रवण कुमार चिरानिया ने बताया कि वर्तमान में स्कूल की जमीन पर उप जिला अस्पताल के लिए भूमि आवंटित की जा रही है। इस भूमि का यदि अस्पताल के लिए उपयोग किया गया तो क्षेत्र के अजा जजा के छात्रों के साथ अन्याय होगा। यह भूमि वंचित, शोषित पीड़ित समाज के युवाओं की शिक्षा के लिए है। अगर इस भूमि को किसी और काम में लिया जाता है तो यह एससी-एसटी समाज के साथ अन्याय होगा। समय रहते अगर कार्रवाई नहीं की गई तो एससी-एसटी समाज सड़कों पर उतर कर बड़ा आंदोलन करेगा।

इस दौरान पूर्व उप जिला प्रमुख सोहनलाल मेघवाल, शीशराम माहिच, रामकुमार मेहरा, राजकुमार चिड़दिया, हंसराज सावा जिलाअध्यक्ष अजाक, एड सुनील झारीया, कांशीराम मेघवाल, विजेन्द्र कानखेडिया, सुरेश भाटी, राजकुमार बायला, मेघराज मालकसर , सुनील चंदेल, मांगीलाल मेहरा, अनिल चिरानिया, सनी मंडार आदि मौजूद रहे

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