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जयपुर | राजकीय कन्या महाविद्यालय गणगौरी बाजार, जयपुर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला सप्ताह उत्साहपूर्वक मनाया गया।

संयोजक डॉ. अनुपमा जौहरी ने बताया कि महाविद्यालय परिसर में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रहलाद सहाय बुनकर की अध्यक्षता में सप्ताह के अंतर्गत आयोजित सांस्कृतिक, खेलकूद, गायन, रंगोली, ग्रीटिंग कार्ड, कचरे से कंचन, मेहँदी एवं नारी शक्ति पर श्लोगन तथा नृत्य आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। सप्ताह में छात्राओं ने रैली निकालकर नारों के माध्यम से नारी सशक्तिकरण की अलख जगाई। महिला सुरक्षा एवं महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम के लिये महिलाओं को जागरूक रहने का आह्वान भी किया गया। महिलाओं के हितार्थ बनी सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी गयी। साथ ही महिलाओं से संबंधित कानूनों को जानकारी एवं समाज की कुप्रथा बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के प्रति लोगों को जागरूक करने का आह्वान भी किया गया। वक्ताओं ने छात्राओं को बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये अग्रणी रहने का आग्रह किया। महिलाओं में सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण विषय पर कार्यशाला का आयोजन भी किया गया।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पी.एस. बुनकर की अध्यक्षता में महिला सप्ताह के अन्त में आयोजित समापन समारोह में विजेता छात्राओं म्यूजिकल चेयर मे लविका जेदिया प्रथम, गायन में आमरीन सैयद प्रथम, भूमि गुर्जर द्वितीय सादिया कुरैशी तृतीय रही। खो-खो में रितिका बारी प्रथम, जेहरा बानो द्वितीय व शिप्रा शर्मा को पुरस्कृत किया गया। कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. ममता शर्मा ने कहा कि हमारे देश में महिलाओं का पूर्ण सम्मान है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री जैसे गरिमामय पदों पर महिलाएं आसीन होकर अच्छा कार्य कर चुकी है। राजस्थान के परिपेक्ष्य में राजस्थान सरकार की सबसे बड़ी अधिकारी मुख्य सचिव भी महिला हैं।

डॉ. ममता ने स्वयं सहायता समूह एवं महिला उद्यमिता से आर्थिक सशक्तिकरण के बारे में प्रकाश डालते हुए छात्राओं को मार्गदर्शित किया। वक्ता डॉ. सुलोचना शर्मा ने कहा कि महिलाओं को आगे आकर गरीब शोषित व अशिक्षित महिलाओं को जागरूक कर सामाजिक प्रवाह से जोड़ना चाहिए। वक्ता डॉ. रेनू सिंह ने महिलाओं के रक्षार्थ बने हुए कानूनों की जानकारी देते हुए महिलाओं को अधिकारों के प्रति सजग व जागरूक रहने को कहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. पी.एस. बुनकर ने कहा कि राष्ट्र के विकास में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। नारी अब अबला नहीं सबला है।

कार्यशाला को डॉ. अनुपमा जौहरी, डॉ. रेनू सिंह, डॉ. शैलेंद्र शर्मा, डॉ. कमलेश डाबरिया, डॉ. महेश मिश्रा, डॉ. सर्वदमन शर्मा, डॉ. मकरंद भट्ट एवं डॉ. भंवरी शर्मा ने भी संबोधित किया।

रिपोर्ट- सुरेन्द्र सिंह हरसोलिया

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