2013 में भाजपा से तारानगर के विधायक रहे
राजनीति में आने से पहले जाने-माने वकील थे
चार बेटों ने दी मुखाग्नि
• जागो हुक्मरान न्यूज़
चूरू। चूरू जिले के तारानगर से भाजपा के पूर्व विधायक जयनारायण पूनिया का रविवार सुबह निधन हो गया। ब्लड प्रेशर बढ़ने पर हिसार के सप्रा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हाई ब्लड प्रेशर के कारण ब्रेन हेमरेज व हार्ट अटैक आया। रविवार दोपहर पैतृक गांव लाखलाख छोटी में अंतिम संस्कार किया गया। जयनारायण पूनिया के सात बेटा-बेटी हैं। पूनिया के निधन पर सीएम अशोक गहलोत और और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सहित भाजपा-कांग्रेस के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी।
अंतिम यात्रा में राजनेता हुए शामिल- पूर्व विधायक जयनारायण पूनिया की अंतिम यात्रा में नेताओं सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। राजगढ़ श्मशान भूमि में उनके चार बेटों प्रो.दिलीप पूनिया,गंगानगर डीसपी नरेंद्र पूनिया,वीरेंद्र और शेरू ने मुखाग्नि दी। इस दौरान तारानगर विधायक नरेंद्र बुडानिया, राजगढ़ विधायक कृष्णा पूनिया,मुख्य खेल अधिकारी वीरेंद्र पूनिया, जिला प्रमुख वंदना आर्य, पूर्व विधायक नन्दलाल पूनिया,इंद्र सिंह पूनिया,मनोज न्यांगली, राकेश जांगिड़, सुरेंद्र स्वामी, करतार सिंह पूनिया एडीएम हनुमानगढ़, भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के ओम सारस्वत तथा जिलापरिषद सरपंच, बीडीसी सद्स्य तारानगर प्रधान संजय कस्वां, पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी व ग्रामीण उपस्थित रहे।
दो दिन से अस्पताल में थे भर्ती- पूर्व विधायक जयनारायण पूनिया सादुलपुर तहसील के गांव लाखलाण के रहने वाले थे। उनके भतीजे मनोज पूनिया ने बताया कि शुक्रवार को गांव में लोगों से दिवाली की ‘रामा-श्यामा’ कर रहे थे। शाम को घर वापस लौटे तो ब्लड प्रेशर बढ़ गया। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर हिसार के सप्रा अस्पताल में भर्ती करवाया। दो दिन से उनके स्वास्थ्य में गिरावट आ रही थी। रविवार सुबह 7 बजे हाई ब्लड प्रेशर के कारण ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक आने पर दम तोड़ दिया।
सोशल मीडिया पर दी श्रद्धांजलि- जयनारायण जय पूनिया के निधन की सूचना के बाद सोशल मीडिया से भाजपा-कांग्रेस के नेताओं सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि दी। नेताओं ने पूनिया के राजनीति के सफर को याद कर निधन को अपूरणीय क्षति बताया।
1977 में रह चुके कैबिनेट मंत्री- जयनारायण पूनिया 1977 में जनता पार्टी की सरकार के समय करीब ढाई साल तक पीडब्ल्यूडी, कैबिनेट व अन्य प्रभार मंत्री रह चुके हैं। 1977 में सादुलपुर से जनता पार्टी के विधायक भी रहे। 1985 में तारानगर से निर्दलीय विधायक रहे और 2013 में भाजपा से तारानगर के विधायक रहे। राजनीति में आने से पहले पूनिया जाने-माने वकील थे।