बालोतरा | मेघवाल समाज छात्रावास सिटी लाईट हॉस्पिटल के पीछे पचपदरा रोड़ बालोतरा तथा मेघवाल शिक्षा व विकास संस्थान मूंगड़ा रोड़ बालोतरा में आयोजित इस भव्य सम्मान समारोह जैसे कार्यक्रम में विशेष अतिथि सुनील के.पंँवार ने शिरकत की जो कि 2 दिन पूर्व ही अपने विभाग द्वारा “डीजीपी डिस्क अवार्ड” प्राप्त कर प्रथम बार बालोतरा पधारे।
मास्टर मोटाराम पंवार पनावड़ा ने बताया कि उनके आगमन पर समाज के प्रबुद्घ अधिकारी व कर्मचारीगण सहित कई गणमान्य सज्जनों ने पलक पांवड़े बिछाकर साफा एवं पुष्पाहार पहनाकर बहुमान व स्वागत की रस्म अदा कर खुशी का इजहार किया। अभिनन्दन करने का यह सुनहरा समय देख सैकड़ों लोगों ने माहौल को सुन्दरतम बना दिया। आयोजित कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पँवार ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थियों को बेहतर परिणाम के लिये कड़ी मेहनत और लगन का परिचय देकर एक सुनहरे भविष्य के लिये बहुत बड़ा लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिये। निरन्तर अभ्यास ही सफलता की कुन्जी है। उसके लिये सतत प्रयास ही मंजिल पाने में सहायक है। जोश,जज्बा और जुनून किसी भी जंग को जीतने के बहुत बड़े हथियार हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील के पंवार ने यह भी बताया कि समाज के छात्रावासों में शैक्षिक, भौतिक, विकास हेतु धन की कमी कभी आड़े नहीं आयेगी। जितना सम्भव होगा आर्थिक सहयोग हेतु सदैव तत्पर रहूंगा, इनके शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास की पैरोकारी समाज के हर व्यक्ति का है, जिसे बखूबी निभाने का वादा करो तो मेरा ही नहीं अपितु सम्पूर्ण समाज का सौभाग्य होगा। युवा वर्ग को नसीहत देते हुए कहा कि शिक्षा के प्रति आप जागृत हों, अपने मन व घट के पर्दे खोलें और बुजुर्गों, महापुरुषों व गुरूजनों की बताई राह से कभी नहीं भटकें।
समाज के शिक्षकों का भी दायित्व बनता है कि शिक्षा के प्रतिअभिभावकों को जागरूक कर शिक्षा पर विशेष बल दें, नशा प्रवृति से कुलक्षणों से स्वयं व परिवार को दूर रखे एवम मृत्यु भोज का सेवन कदापि नही करें!जब इतना सम्भव हो जायेगा,मेरा वही सबसे बड़ा सम्मान होगा। आज इस अवसर पर “जिला परिवहन अधिकारी भगवान गहलोत” ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पुस्तकालय की व्यवस्था को सुधारने की पुरजोर कोशिश की गई है और भी प्रयास जारी है, विद्यार्थी बेहतर भविष्य के लिए स्वाध्याय करे, पुस्तकों का गहनता से अध्ययन करे, क्योंकि पुस्तकें ही विद्यार्थी की सच्ची मित्र हैं, अतएव उसका सतत अध्ययन तथा सतत अभ्यास ही आगे बढने व बढाने का सही माध्यम है। पुरस्कृत शिक्षक फोरम बाड़मेर के जिलाध्यक्ष सालगराम परिहार ने अपने विचार व्यक्त कर अनुशासन की विद्यार्थी जीवन में महत्ती आवश्यकता को बताया, साथ ही नैतिकता, संस्कार, संयम व निरन्तरता सुरक्षित भविष्य की पहचान है व सुखद जीवन के लिये सच्ची राह है, इससे पथ विचलित शख्स स्वयं को, परिवार को तथा समाज को गर्त में ले जाने के लिये स्वयं जिम्मेदार होगा, जिसे भावी पीढी कभी माफ नहीं करेगी, तथा वे अपनी मंजिल को पाने हेतु जीवन भर संघर्षरत रहते हुए भी परिणाम शून्य ही पा सकेंगे।
इस अवसर पर सुरेश डांगी, बंशीलाल राठौड़, नारायण गेंवा, धर्मचंद वर्मा, अमरा राम राठौड़, गोविन्द मेघवाल, ताराचंद बोस, जितेंद्र जोगसन, गुलाराम पनु, घेवर राम, दीपा राम बारूपाल, जगदीश हिंदल,सांवल राम भाटी, बगदाराम बोस, कालू राम वैगड़, गोविन्द मेघवाल, हनुमान राम जोगसन, मांगीलाल बोस, किशना राम धूंबड़ा, सुगा राम बोस, तारा राम, प्रेमा राम बारूपाल, छगन जोगसन, दिनेश प्रजापत, राजूराम गोल, नारायण साई, हडमान बोस, गोविन्द राम परमार, गुला राम पनु, धनराज नामा व तमाम सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम की शोभा बढाई।
सम्मानित पंवार साहब ने पांडाल में सम्पूर्ण दोनों छात्रावास व संस्थान का पूर्ण अवलोकन किया तत्पश्चात समस्त पदाधिकारीगणों सहित स्वागतकर्ता समस्त मजदूर,व्यापारी,शिक्षाविदों व भीम सैनिकों का ह्रदय से शुक्रिया अदा किया।बाबा साहेब की बदौलत तथा माता-पिता गुरुवर के आशीर्वाद ने जिस मुकाम पर मुझे पहुंचाया, उसमें कुछ दुआओं का असर मित्रमंडली का भी है,जिसे सदैव ता-उम्र स्मरण रखा जायेगा, इस बात पर तालियों की गड़गड़ाहट ने सबके दिलों को खुशनुमा अंजाम दिया, जो कि तारीफे काबिल था! वक्त कम था, मगर मान बहुत अधिक था, दोस्त तेरे आने पर हमें अभिमान भी कम नहीं था!आज ये खुशी बांटी, कल और भी खुशियां बांटकर देखेंगे! आप जैसे कद्रदानों का रहेगा बेसब्री से इंतजार सदा, हम यूं ही कद्र करने की होड़ बनाकर रखेंगे!!