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सरदारशहर | एस बी डी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सरदार शहर के वनस्पति शास्त्र विभाग के बॉटेनिकल सोसायटी के तत्वाधान में एम एससी प्रवेश और फाइनल के विद्यार्थियो को शैक्षणिक भ्रमण के लिए विभाग प्रभारी अमरचंद कुमावत ने प्राचार्य डॉ वी के स्वामी की शुभकामनाओं के साथ सहायक आचार्य अशोक कुमार मेघवाल, भानुप्रिया सूंडा के नेतृत्व में महाविद्यालय से रवाना किया।

भ्रमण दल ने सर्वप्रथम भालेरी नर्सरी का विजिट किया वहा वनपाल रामकुमार सैनी ने विभिन्न पादपों की तैयार की गई पौध जैसे चमेली जामुन अशोक गुलाब सहजन अंगूर सहतूत आदि को दिखाया तथा विधार्थियों को इनकी पौध तैयार करने के लिए काम में ली जाने वाली मिट्टी जिसमें मिंगनी की खाद चिकनी मिट्टी बालू मिट्टी आदि और काम में ली जाने वाली विभिन्न आकार की थैलियों (12.5 *30)के बारे में बताया।

भालेरी स्वास्थ्य केंद्र में धनराज डागर ने मटका पद्धति से लगाएं गए विभिन्न पौधों को दिखाया तथा इनको लगाने की पद्धति के बारे में बताया। फिर वहा से तारानगर के लिए रवाना हुए। भालेरी से तारानगर रोड़ पर लगाएं गए रिंग पिट पद्धति द्वारा पौधो को वनपाल रामकुमार सैनी बताते हुए गए।

तारानगर वन विभाग में पहुंचने पर पंचायत समिति तारानगर के विकास अधिकारी डॉ संतकुमार मीणा के नेतृत्व में वन विभाग के सदस्यों द्वारा भ्रमण दल का स्वागत किया गया ।

डॉ मीणा ने विधार्थियों को सहजन पौधे के महत्त्व महानरेगा की विभिन्न योजनाओं आदि के बारे में बताया तथा अपने जीवन के साथ साथ विधार्थियों को सामाजिक कार्य करने की लिए प्रेरित किया । वनपाल रामकुमार सैनी ने वन विभाग की नर्सरी में लगें लाखों पौधो को दिखाया तथा इनके बारे में बताया वहीं चिकित्सा के लिए घायल अवस्था से लाए गए विभिन्न पशु – पक्षी जैसे मोर कबूतर हिरण आदि को दिखाया और विधार्थियो में जीव जंतुओं को सरक्षित करने की भावना भरी। फिर वन विभाग महानरेगा से बने तालाब,गऊ घाट के बारे डॉ मीणा ने विस्तार से बताया।

इसके बाद भ्रमण दल विकास अधिकारी डॉ मीणा तथा वन पाल रामकुमार सैनी सहित लीलकी बीड़ पहुंचा वहा वनपाल राजेंद्र सिंह वनरक्षक श्यामलाल वनरक्षक सुनील आदि सदस्यों द्वारा स्वागत किया गया और भ्रमण दल को लंच करवाया गया। इसके बाद यहां की नर्सरी में लगे लगभग तीन लाख पौधों को दिखाया गया तथा वनपाल राजेंद्र सिंह द्वारा लीलकी बीड़ का प्राचीन इतिहास बताया गया।जिसकी लगभग जगह पर अतिक्रमण कर लिया गया था अब ये वर्तमान में 4400 बीघा में फैली बताई तथा इसके चारों ओर 18 किमी की दीवार बनाई बताई।

बीड़ में बने 18 तालाब 20 कुंड जिसमें एक महाराजा गंगासिंह द्वारा निर्मित 1980 से बनी वन चौकी राजस्थान में प्राकृतिक रूप से पाए जानें वाले एक मात्र अनावृतबीजी एफिड्रा आदि दिखाए गए। वापस आते समय प्रत्येक भ्रमण दल सदस्य को एक एक गुलाब का पौधा और महाविद्यालय प्राचार्य की मांग के अनुसार 20 नीम के पौधे तथा बोटेनिकल सोसाइटी के सदस्यों की मांग के अनुसार महाविद्यालय में लगाने के लिए 50 सहजन के पौधे वन विभाग तारानगर ने साथ भिजवाए।पूरे विजिट पर फोटोग्राफी नारायण स्टूडियो मुकेश ने की तथा बोटेनिकल सोसाइटी के अध्यक्ष अदिति कोषाध्यक्ष विक्रम सचिव दीक्षा पीआरओ पवन अक्षय मोनिका कोमल सहित विभिन्न विद्यार्थियो ने भाग लिया।

Bureau Report- JHN

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