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गाँव की साधारण झोंपड़ी से भारतीय खाद्य निगम के प्रबन्धक आगार तक

~ मघाराम मेघवाल के सघर्ष की कहानी ~

पश्चिमी राजस्थान के सूदूर रेतीले धोरों में पाकिस्तान बोर्डर की लगती सीमा पर स्थित छोटे से गाँव भलगाँव (बाखासर ) से एक ऐसी शख्यियत से रूबरू कराऊंगा जहाँ पर सामन्तशाही ओर गुलामी चरम पर थी शिक्षा का दूर दूर तक कोई नाता नही था।
ऐसे अभाव ओर गरीबी में 10 जनवरी 1954 को पिता श्री धनाराम जी मेघवाल और माता श्रीमती सोनी देवी की कोख से मान्य मघाराम जी मेघवाल का जन्म हुआ।
आपकी प्रारम्भिक शिक्षा घर से 7 किमी दूर बाखासर, हायर सैकण्डरी चौहटन ओर उच्च शिक्षा बाड़मेर एवं जोधपुर के बाद 1976 में भारतीय खाद्य निगम में सहायक श्रेणी तृतीय के पद पर पदस्थापन हुआ।
आपने सेवाकाल में पदौन्नतियों का लाभ लेते हुवे 2013 में पंजाब राज्य से भातीय खाद्य निगम मे प्रबन्धक आगार के पद से स्वेच्छिक सेवानिवृति लेकर पंचायत चुनाव में भाग्य आजमा कर जीत हासिल की।
हालांकि 1960 के दशक में देश आजाद था परन्तु बाखासर क्षेत्र में पूर्ण रूप से सामान्त शाही व्यवस्था का बोल बाला था।ऐसे समय में आपने जुल्म ज्यादाति, अत्याचार के खिलाफ लड़ाईयाँ लड़कर गाँव गाँव- ढाणी ढाणी जाकर लोगों में जागरूकता से बच्चों कों शिक्षा की ओर अग्रसर करते हुवे उच्च शिक्षा हेतु बाड़मेर शहर में पढने हेतु सहयोग किया जिसका परिणाम आज इस क्षेत्र में बडी संख्या में युवा एसडीएम, तहसीलदार, इंजिनियर, व्याख्याता, पटवारी, शिक्षक आदि सैकड़ों की तादाद छोटे बड़े सरकारी पदों पर आसीन हुवे।
आपके छोटे भाई देशलाराम लम्बे समय तक सरंपच, तीनो बैटियाँ पोस्ट ग्रेज्युयेट, दो बैटे वाणिज्य कर विभाग मे सहायक आयुक्त के पद पर आसीन है।
आपने समाज सेवा कार्यों एवं जोधपुर, बाड़मेर, बालोतरा की छात्रावासों में लगभग 10 लाख रूपयों का नकद सहयोग किया है।
नफरत से जुड़े परम्परागत कार्यों को छोड़ने हेतु तीन वर्ष तक हाथ में खाना खाकर लोगों को ऐसे कार्य छोडने हेतु मजबूर किया।
आपने बाबा साहब, मान्यवर काशीराम साहब, जगजीवन राम, बाबु जगजीवन राम, पासवान साहब आदि नेताओं को अपना आदर्श मानते हुवे समाज में नई क्रान्ति लाने का काम किया जिनकी बदोलत आज बाड़मेर का बहुजन समाज हर क्षेत्र में उन्नति के पथ पर अग्रसर हो रहा है।
वर्तमान में मान्य मघाराम जी राजस्थान मेघवाल परिषद बाड़मेर के संरक्षक होने के नाते समाज शिक्षा में सुधार, मृत्युभोज, नशाखोरी उन्मूलन, रूढीवाद, पाखण्ड आदि सामाजिक बुराइयों को दूर करने के प्रयास मे लगे हुवे है।
आज उनके महावीर नगर बाड़मेर में नये भवन के गृह प्रवेश कायक्रम में जाने का अवसर मिला जिसे देखकर खुशी के साथ गर्व भी हुआ कि पग-पग पर ठोकरे खाता हुआ गाँव की एक साधारण झोपड़ी से निकला व्यक्ति कैसे आलीसान महल तक पंहुचा।

तगाराम खती
जिलाध्यक्ष- राजस्थान मेघवाल परिषद बाड़मेर

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