पुस्तकें अमूल्यसाहित्य गांव परलीका के साहित्यकार विनोद स्वामी ने भांजियों की शादी समारोह में राजस्थानी साहित्य ‘कथेसर’ भेंट की

• जागो हुक्मरान न्यूज़

हनुमानगढ़ | शादियों की रस्मों, मांगलिक गतिविधियों में कुरीतियों को त्याग पुस्तकों के वितरण की पहल की जा रही है। साहित्य गांव परलीका के युवा साहित्यकार विनोद स्वामी ने भी इसी तरह की अनूठी पहल करते हुए भात भरा।

साहित्यकार विनोद स्वामी ने बताया कि हरियाणा के हिसार जिले के गदली गांव के उनकी भांजी सुमन व शारदा की शादी में उन्होंने राजस्थानी की पत्र-पत्रिकाओं से भात भरा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल राजस्थानी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा मिलेगा। इससे समाज में व्याप्त दहेज, नशा, मृत्युभोज अन्य कुरीतियां भी समाप्त होगी। साहित्य जन-जन तक पहुंच पाएगा।

वहीं उनकी बड़ी बहन इंद्रावती व बहनोई चंद्रभान स्वामी ने इस पहल की सराहना की। विदित रहे कि विनोद स्वामी पिछले दो दशकों से राजस्थानी भाषा के प्रचार प्रसार में जुटे हैं। गत दिनों बलवान पूनियां के यहां शादी में भी राजस्थानी भाषा में कार्ड छपवाए गए थे, जिनमें इनका योगदान रहा।

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