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चितलवाना | आशुलिपि राजस्थानी कवि के नाम से प्रसिद्ध सांचौर जिले के रणोदर गांव के निवासी झांवताराम बामणिया पेशे से सरकारी शिक्षक हैं।
राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई को सांचौर बना जिला कविता भेंटकर सांचौर सत्यपुरी नगरी को जिला बनाने पर आभार जताया। इससे पूर्व बामणिया ने सांचौर हो जिला काव्य रचना बनाकर अधिकारियों सहित प्रशासन का भी ध्यान आकर्षित किया था।

बामणिया कवि बचपन से ही कविता लिखने का शौक रखने वाले बामणिया राजस्थानी व हिंदी भाषा में चंद मिनटों में काव्य रचनाएं करते हैं। इसलिए वर्तमान में सोशल मीडिया में सुर्खियों में हैं। वे अधिकतर सामाजिक जनजागृति और किसानों, मजदूरों, सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वासों पर लेखन के माध्यम से कड़ा प्रहार करते हैं।

वहीं, गरीब किसान परिवारों की प्रतिभाओं को काव्य रचना के माध्यम से प्रोत्साहित करते रहते हैं।
कवि बामणिया के माता का नाम धनी देवी एवं पिता जीवणराम हैं। बामणिया कवि बीए व बीएसटीसी कर शिक्षक लगे थे। वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय विरावा में शिक्षक के पद पर सेवारत हैं।
कवि की मुख्य रचनाएं किसानों की दशा, बाबा साहब अंबेडकर, संविधान और बाबा साहब, खेजड़ी, बाल विवाह, मृत्यु भोज, मोबाईल बच्चों के लिए घातक, सांचौर बना जिला, गलीफा रणखार, सांचौर की बाल नृत्यांगना सुमन पारीक, हेलमेट पहनो अभियान आदि कई रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में छप चुकी हैं। वही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब प्रशंसा व सराहना की जा रही हैं।

वर्तमान चितलवाना सीबीईओ मंगलाराम बिश्नोई व पूर्व विकास अधिकारी जगदीश बिश्नोई सहित कई बड़े अधिकारी भी बामणिया कवि की सराहना कर चुके हैं।
साहित्य के जगत में उदय कमल साहित्य संग हरियाणा के द्वारा साहित्य गुरु सम्मान, मीन साहित्य सांस्कृतिक मंच हरियाणा के द्वारा साहित्य अंगना सम्मान, साहित्य जागरण सम्मान, अब्दुल कलाम साहित्य सेवा सम्मान सहित कई सम्मान से नवाजा गया हैं।

बामणिया कवि समाज सेवा के साथ-साथ बड़े भामाशाह भी हैं। बामणिया कवि को गणतंत्र दिवस 2022 को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए एसडीएम चितलवाना द्वारा प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया जा चुका हैं।

रिपोर्ट- अरविंद डाभी

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