राष्ट्र में भाईचारा, एकता, अखंडता, संप्रभुता, समानता और बंधुता चाहते हैं तो भारत का संविधान का पालन करना और करवाना होगा: हरीराम जाट
• जागो हुक्मरान न्यूज़
अजमेर | जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत लवेरा के मोड़ी गांव की सरकारी स्कूल में सामाजिक कुरीतियां, संविधान प्रचारक हरीराम जाट ने सभी छात्र/छात्रों को भारत का संविधान की किताब भेंट की।
शारीरिक शिक्षक विष्णु कुमार गुर्जर ने बताया की भारत का संविधान कैसे बना और किसने बनाया। भारत का संविधान बनाने में 2 साल 11 माह 18 दिन लगे थे और बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने बनाया है। 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ था।
सामाजिक कार्यकर्ता हरीराम जाट ने बताया की अपने खुद के अधिकारों के प्रति जागरूक और सजग रहना होगा और जो कुछ भी मिला है वो सभी संविधान से मिला है। भारत का संविधान को लागू हुए 73 साल हो गया है परंतु पालन नहीं हुआ है यदि पालन हो जाता हैं तो भारत वापिस सोने की चिड़िया बन जाता हैं। हम भारत के लोग होने के नाते भारत का संविधान का पालन करना और करवाना होगा।
- हरीराम जाट ने संविधान के बारे में जानकारी दी-
- ✓शिक्षा का अधिकार,अनुच्छेद :21ए,41,45, 51ए
- ✓काम का अधिकार,अनुच्छेद: 39,41
- ✓समानता का अधिकार (अनुच्छेद – 14 से 18 तक)
- ✓स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद- 19 से 22 तक)
- ✓शोषण के खिलाफ अधिकार (अनुच्छेद- 23 & 24)
- ✓धर्म स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद- 25 से 28तक)
- ✓सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार (अनुच्छेद 29 और 30)
- ✓संवैधानिक उपचार का अधिकार (अनुच्छेद 32)
- ✓संपति का संविधान (अनुच्छेद 300ए)
- बच्चो को अपने मूल कर्तव्य के बारे में भी जानकारी दी इनका पालन करना और करवाना होगा।
- (क) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे।
- (ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे।
- (ग) भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे।
- (घ) देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे।
- (ङ) भारत के सभी लोगों में समानता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध है।
- (च) हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे।
- (छ) प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणि मात्र के प्रति दयाभाव रखे।
- (ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे।
- (झ) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे।
- (ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।
- (ट) यदि माता-पिता या संरक्षक है, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्थिति, बालक या प्रतिपाल्य के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करे।
Report- Team JHN