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बाड़मेर | प्रिय अनुज बींजाराम बोस के सुपुत्र चिराग बोस द्वारा 12वीं कला वर्ग (राउमावि अराबा) बोर्ड परीक्षा 2024 में 84.20% अंक हासिल करने पर आज उनका बहुमान कर बधाई व शुभकामनाएं दी।

चिराग पढ़ाई के साथ साथ खेती के कार्य में भी निपुण हैं और परिवार में हर कार्य में सेवा देता है। उन्हें खेलों में भी विशेष रुचि है, इस सत्र में उसने रूग्बी फुटबॉल राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने विद्यालय, जिले व परिवार का नाम रोशन किया। हमें ऐसी प्रतिभाओं को सम्मानित करते हुए गर्व महसूस होता है तथा मन को शुकुन मिलता है। हालांकि यह मंजिल की प्रथम सीढ़ी है, लेकिन अगर हम प्रथम सीढ़ी पर आसानी से पहुंच जाते हैं तो शेष सीढ़ियों भी सहज रूप से पार कर ली जाती है। विद्यार्थियों को धैर्य व अनुशासन बनाते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए। निश्चित ही सफलता आपके कदमों में होगी।

संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर का यह सपना था कि उनका समाज गहरी नींद में सोया हुआ और उन्हें जगाना ही उनका मूल उद्देश्य है। इसीलिए उन्होंने शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए कहा था कि-“शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो जितना पीयेगा वह उतनी ही तेज दहाड़ मारेगा”। आज औद्योगिकरण व निजीकरण कर सरकारी नौकरियों को खत्म किया जा रहा है। उच्च शिक्षा को इतना महँगा कर दिया गया है कि आम आदमी का वहाँ तक पहुंच पाना मुश्किल हो गया है। ऐसे में कड़ी मेहनत से पढ़कर ही हम लोग प्रतियोगिता परीक्षाओं में अपना परचम लहरा सकते हैं।

विद्यार्थियों को चाहिए कि वे जब तक अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयासरत है तब तक उन्हें केवल अपना ध्यान शिक्षा पर ही देना होगा। उन्हें दिखावटीपन, फिजूलखर्ची, फैशन, सैर सपाटे की बजाय अपने भविष्य को संवारने पर ध्यान देना होगा।

~ मास्टर भोमाराम बोस
प्रदेश संगठन मंत्री: राजस्थान मेघवाल परिषद, बीकानेर (राज.)

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