जालोर जिले के लेदरमेर की किसान की बेटी पूरी मेघवाल ने विषम परिस्थितियों में पलकर प्रदेश की टीम का प्रतिनिधित्व कर टीम को बनाया चैंपियन!
• जागो हुक्मरान न्यूज़
चितलवाना | व्यक्ति के मन में दृढ़ इच्छा शक्ति और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो उसकी प्रगति की राह में विकलांगता बाधा नहीं बन सकती। विकलांगता चाहे कैसी भी हो लेकिन हौसलों की ताकत सबको पछाड़ देती हैं।
ऐसा ही कुछ कर दिखाया जालौर जिले की लेदरमेर गांव की गरीब किसान परिवार की बिटिया पूरी मेघवाल ने। लेदरमेर गांव में जन्मी पूरी मेघवाल पिता सवाराम मेघवाल किसान है और माता देवू देवी गृहणी है। सवाराम के 7 बेटियां और दो बेटे हैं। पूरी मेघवाल बीए, बीएड है खेलों के साथ-साथ में वे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी कर रही हैं।
हाल हि में हुई पैरा सिटिंग बॉलीबॉल 7 से 8 अप्रैल को तमिलनाडु राज्य के जिला पेरम्बलुर में नेशनल फेडरेशन कप 2023 का आयोजन किया गया।
जिसमें राजस्थान की बेटियों ने झारखंड राज्य की टीम को फाईनल मैच में 3-0 से हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा कर देश प्रदेश में परचम लहराया हैं।
इसी टूर्नामेंट में जालौर जिले की बेटी राष्ट्रीय खिलाड़ी पूरी मेघवाल ने टीम में प्रतिनिधित्व किया।मेघवाल ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर प्रदेश की टीम को चैंपियन व गोल्ड मेडल विजेता टीम बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई।
इसी के साथ जालौर जिले की सायला निवासी किका देवी मेघवाल ने भी अपना कौशल दिखाकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
राजस्थान की पैरा वॉलीबॉल टीम में सरिता गौरा (कप्तान), पिंकी कुमारी, पूरी मेघवाल जालौर, किका देवी जालोर, ममता मीणा, निर्मला मीणा आदि ने राजस्थान प्रदेश की महिला टीम का प्रतिनिधित्व कर राजस्थान टीम को चैंपियन बनाया हैं।
राजस्थान महिला टीम के गोल्ड मेडल जीतने पर सैकड़ों खेल प्रेमियों में खुशी का माहौल एवं खेल प्रेमियों व समाज बंधुओं ने खिलाड़ियों को सोशल मीडिया के माध्यम से बधाईयां देकर उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली वर्ल्ड पैरा वॉलीबॉल में हुआ चयन:- पूरी मेघवाल का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जुलाई महीने में आयोजित होने वाली वर्ल्ड पैरा सीटिंग वॉलीबाल एशियन चैंपियनशिप फ़ॉर मैन एंड विमेन 2023 के लिए चयनित किया गया। जहां वह अपने हुनर का प्रदर्शन जुलाई महीने में अल्माटी, कजाकिस्तान में करेगी।
पूरी को पैर में कैंसर होने से कटवाना पड़ा था बायां पैर, फिर भी नहीं हारी हिम्मत:- पूरी मेघवाल का वर्ष 2016 में पांव में बोन कैंसर जैसी असाध्य बीमारी होने के कारण बायां पैर काटना पड़ा था। इस कारण से कृत्रिम पैर लगवाया। अपनी शिक्षा जोधपुर में दिव्यांग हॉस्टल में हुईं। जहां उन्हें दिव्यांग खिलाड़ियों से प्रेरणा मिली और 2019 से खेलना प्रारंभ किया। एक के बाद एक कई पदक जीतकर के कीर्तिमान रचा हैं।
मेघवाल ने 5 पदक जीतकर रचा इतिहास:- पूरी मेघवाल ने खेल के क्षेत्र में 3 गोल्ड, 1 सिल्वर व 1 ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया हैं। सन 2023 में तमिलनाडु में आयोजित पैरा सीटिंग वॉलीबॉल में गोल्ड मेडल, इसी वर्ष नेशनल फेडरेशन कप में गोल्ड मेडल, 2022 उत्तराखंड में गोला फेंक में गोल्ड मेडल और 2021 में पैरा सीटिंग वॉलीबॉल में सिल्वर मेडल, 2019 में एक पैर की 100 मीटर दौड़ में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश प्रदेश में अपना परचम लहरा कर देश की नारी शक्ति के लिए प्रेरणा स्रोत बनी है।
रिपोर्ट- अरविंद डाभी