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तारानगर/चूरू | उपखंड अधिकारी तारानगर के मार्फत, मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के नाम मासूम 9 वर्षीय छात्र इंद्र मेघवाल की निर्ममता पूर्वक की गई हत्या के मामले में दोषी अपराधियों को सख्त से सख्त सजा देने के लिए ज्ञापन सौंपा।
अनुसूचित जाति अधिकारी कर्मचारी संघठन (शाखा तारानगर), डॉ अम्बेडकर शिक्षक संघ (शाखा तारानगर), डॉ अम्बेडकर युवा संघ (शाखा तारानगर), डॉ अम्बेडकर समाज सेवा समिति (तारानगर) की तरफ से दोषियों को सजा देने के लिए ज्ञापन सौंपा गया।

ज्ञापन में मांग की गई-

  1. इन्द्र कुमार की निर्मम हत्या करने वाले स्कूल व्यवस्थापक को फांसी की सजा दिलायी जायें।
  2. सरस्वती विद्या मंदिर, सुराणा जिला जालौर की मान्यता शीघ्र प्रभाव से रद्द की जायें।
  3. पीड़ित परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जायें।
  4. पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 50 लाख रूपये राहत राशि प्रदान की जायें।
  5. पीड़ित परिवार को जिला मुख्यालय पर एक मकान आवंटित किया जायें, जिससे कि पीड़ित परिवार भयमुक्त निवास कर सकें।

इस मौके पर जिला परिषद सदस्य विमला देवी कालवा, समाज सेवा समिति अध्यक्ष प्रकाश मेघवाल, डॉ अम्बेडकर शिक्षक संघ अध्यक्ष जेठाराम पटीर, अनुसूचित जाति अधिकारी – कर्मचारी पालाराम जिंदल, बहुजन समाज पार्टी जिला प्रभारी श्रीचंद छापरवाल, सरपंच फोर्म अध्यक्ष दर्शना मेघवाल, भूमि बिरमी, लिखमाराम नायक, राजेन्द्र डगला, पूर्व सरपंच जुगलाल मेघवाल, च्यानण मल सहारन, खिंची, सुरेश जोईया, विनोद मेहरा, बीरूराम छापरवाल, च्यानन मल मेहरा, ओमप्रकाश कलिया, काशी राम मेघवाल, प्रताप कलिया, ओम प्रकाश कालवा सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

Reporter- Sunil Chandel

One thought on “Tarangar: इंद्र मेघवाल हत्या प्रकरण: सामाजिक संगठनों ने किया विरोध, पीड़ित परिवार को न्याय देने की मांग”
  1. एक मेघवाल समाज के अबोध बालक द्वारा प्यास लगने पर अपनी ही स्कूल जिसे शिक्षा का मंदिर कहा जाता हे में शाला संचालक द्वारा बेरहीम से ईतना पीटा गया कि अंतत उसको मौत से हाथ धोना पड़ा ।

    हेरानी की बात हे कि आज़ादी के ७५ वर्ष बाद भी दलित समाज के लोग संविधान प्रदत अधिकारों से वंचित हे ।
    जब गायों व मंदिर के लिये चंदा लेना होगा तब दलित हिंदू हे ,जब वोट लेने होंगे तब दलित हिंदू हे किंतु सामान्य दिनों में दलित अछूत हे ।

    बाबा सहाब डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर ने भारत के संविधान में समता,समानता,भाईचारे व सामाजिक,आर्थिक राजनीतिक व धार्मिक आज़ादी के अधिकार दिये हे किंतु यहाँ यह कहना बेमानी होगा कि दलित समाज को छुवाछूत व समानता की आज़ादी मिलना अभी भी शेष हे ।

    मैं ईस जघन्य अपराध की कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ व अपराधी को मौत की सजा की माँग करता हूँ ,पिड़ित परिवार को न्याय मिले ।

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