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एक साधारण शिक्षक के रूप में असाधारण सेवा :

बाड़मेर | जिले की शिव तहसील के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बीसू कलां से अध्यापक के पद से 35 वर्ष की गौरव पूर्ण सेवा के बाद हुए राजकीय सेवा से सेवानिवृत, 35 साल की शानदार सेवा, एक आदर्श शिक्षक के रूप में, सादा जीवन, साधारण देशी पोशाक, समय के पाबंद, छोटे बच्चों से घुल-मिल कर मित्रवत पढ़ाना उनकी मुख्य खूबी रही।

मिलनसार, मृदभाषी, सबको साथ लेकर चलने की अदभुत खूबी, सबके साथ मधुर संबंध एवं व्यवहार, आपका कृतित्व एवं व्यक्तित्व अनुकरणीय उदाहरण रहा है। आप हमेशा हंसमुख एवं प्रसंनचित रहते है , हमारे संयुक्त परिवार का आधार स्तम्भ रहे हैं, जी हां मैं बात कर रहा हूं मेरे परम आदरणीय चाचा जी श्री दीपारामजी खीमावत साहब की, आपका 1989 में अध्यापक के रूप में चयन होना, हमारे परिवार के लिए एक turning point रहा, आपका त्याग, तपस्या समर्पण, सहयोग की भावना, सबका साथ, सबका विकास की भावना के फलस्वरूप, अपने पूरे संयुक्त परिवार का अनुकरणीय नेतृत्व किया। हालांकि आप चार भाईयो व दो बहिनों में सबसे छोटे है मगर एक कप्तान और एक मुखिया के रूप में आपने अग्रणी भूमिका निभाई। आप ही की बदौलत हमारा पूरा संयुक्त परिवार शिक्षित हो पाया, आपके त्याग के फलस्वरूप आज हमारे संयुक्त परिवार में वेदाराम मेघवाल (उप प्राचार्य), उकाराम खीमावात BSF से सेवानिवृत, वेदाराम खीमावत ( क. सहायक), हीराराम खीमावत ( nursing officer ), पीराराम खीमावत ( अध्यापक), मनोहर खीमावत (अध्यापक) और युवा उच्च अध्ययनरत।

आपका सपना रहा है कि सभी सुशिक्षित और सुसंस्कारित, आपने पूरे गांव में शिक्षा की अलख जगाई। अपना पूरा जीवन तन मन और धन से पर सेवा में लगाया। आर्थिक रूप से हर जरूरत मंद की मदद की। दूसरो से कर्जा लेकर भी सेवा की, किसी को भी हताश नहीं किया। एक साधारण शिक्षक के रूप में असाधारण सेवा की। जैसी कहावत है ‘कर भला, तो हो भला!’ (do good & have good) आपका पूरा परिवार सुशिक्षित और सुसंस्कारित हैं। आपके तीनों बेटे राजकीय सेवा में और सभी जंवाई सा भी राजकीय सेवा में हैं, आपकी सेवा और समर्पण को बारम्बार सलाम करता हूं। आप स्वस्थ रहे, मस्त रहे, प्रसन्न रहे, दीर्घायु रहे, व्यस्त रहे, और समाज सेवा में अग्रणी रहे। आपकी प्रथम पारी बहुत ही शानदार रही हैं, अब दूसरी पारी भी इससे भी शानदार की अपेक्षा करते हैं।

समाज में व्याप्त अशिक्षा, अंधविश्वास, सामाजिक कुरीतियां, बाहय आडम्बर , ढोंग, पाखण्ड, फिजूल खर्ची, अमर बेल की तरह बढ़ती नशा प्रवृति को समाप्त करने में अपनी अग्रणी एवं सक्रिय भूमिका निभाते हुए सहयोग प्रदान करने की अपेक्षा करते है। बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचारों को आत्मसात करते हुए जन जन तक पहुंचाने का कार्य करते रहे।

~ वेदाराम मेघवाल
Vice principal: NKD, वार्डन: ms4, बाड़मेर
सम्पर्क- 77420 48428

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