• जागो हुक्मरान न्यूज़
सादुलपुर | चूरू लोकसभा सीट से बीजेपी ने सांसद राहुल कस्वां का टिकट काटकर पैरालिंपियन देवेंद्र झाझड़िया को प्रत्याशी बनाया है। टिकट कटने के बाद आज पहली बार राहुल अपने गृह क्षेत्र चूरू के सादुलपुर स्थित घर पर पहुंचे थे। शाम 4:30 बजे उन्होंने घर पर जुटे समर्थकों को छत से ही संबोधित किया और जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने इशारों-इशारों में भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ पर निशाना साधा।
सांसद राहुल कस्वां ने कहा- जयचंदों के बीच में रहने वाले जयचंद, जयचंदों की बात करते हैं। क्या एक व्यक्ति हमारे आने वाले भविष्य का फैसला करेगा कि यहां पर कौन जिएगा, कौन मरेगा। अपने आने वाले कल का फैसला हम खुद करेंगे।
मैं 6 दिन से एक ही सवाल पूछ रहा हूं कि मेरा कसूर क्या था। मगर पार्टी के लोग मेरा फोन नहीं उठा रहे हैं, किसी ने उठाया तो मौन रहे।
इस दौरान भीड़ में जब राहुल कस्वां को अपनी मां कमला कस्वां नजर आईं तो उन्होंने जोर से कहा- मां, तेरो छोरो अभी जिंदा है। इसके बाद जमकर जिंदाबाद के नारे लगे।
इस दौरान भीड़ में जब राहुल कस्वां को अपनी मां कमला कस्वां नजर आईं तो उन्होंने जोर से कहा- मां, तेरो छोरो अभी जिंदा है। इसके बाद जमकर जिंदाबाद के नारे लगे।
मैं आश्वस्त था, कामों का परिणाम अच्छा मिलेगा: कस्वां ने कहा- एक तारीख को मैंने मीटिंग की थी। मैं आश्वस्त था कि मैंने जो काम किए हैं, उनका परिणाम मुझे अच्छा ही मिलेगा। अगले दिन पता चला कि टिकट कट गया। सोचा कि हुआ क्या, क्या कारण रहे होंगे। मैंने बहुत प्रश्न पूछे, लेकिन जवाब नहीं मिला।
मैं समझता था कि पार्टी एक व्यक्ति की नहीं, समूह का हिस्सा होती है। लोग बैठे होंगे, न्याय करेंगे। मुझसे आकर पूछ तो लेंगे। उन्होंने राजेंद्र राठौड़ का नाम लिए बिना कहा- जयचंदों के बीच में रहने वाले जयचंद, जयचंदों की बात करते हैं।
सच्चाई और ईमानदारी के विरोध में एक आदमी के अहंकार की लड़ाई: सांसद ने कहा- ये लड़ाई एक विचारधारा की लड़ाई है। सच्चाई और ईमानदारी के विरोध में एक आदमी के अहंकार की लड़ाई है। आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि आपने जो मेरा हाथ अपने हाथ में लिया है, वो मैं झुकने नहीं दूंगा। ये मांग जनता की है, जिनके साथ चुनाव में जाएंगे। ताकतें बहुत आएंगी। ताकतें बहुत कुछ तोड़ने, बहुत कुछ जोड़ने का काम करेंगी। मुझे दो दिन का टाइम दे दो। जो भी आप सुनना चाहते हो, वो सुनाने की मैं कोशिश करूंगा।
कस्वां ने कहा- हम जनता के बीच में रहने वाले लोग हैं। जनता ही हमारी ताकत है। वो ताकत ही थी कि 1991 में भैरोंसिंह शेखावत ने मेरे पिताजी (रामसिंह कस्वां) को टिकट दिया था। जब हम सिर्फ सरपंच ही थे। जो हमारी जनता फैसला लेगी, मैं उसी फैसले पर चलूंगा। मैं लोकसभा चुनाव लडूंगा या नहीं, इसका फैसला आने वाले दो दिन में बताऊंगा।
रातभर सोचता हूं कि मेरा कसूर ही क्या है: कांग्रेस में जाने के सवाल पर कस्वां ने कहा- मैंने पहले ही कहा था कि लोगों से बातचीत किए बिना किसी से संपर्क नहीं करूंगा। आज लोगों से बातचीत की है। इसी बातचीत के आधार पर मेरा अगला कदम होगा। मैंने 2010 से लोकसभा क्षेत्र में पैशन के साथ काम किया।
मैं रात में जागता रहता हूं। सोचता रहता हूं कि मेरा कसूर ही क्या है। 20 हजार करोड़ के काम चूरू लोकसभा क्षेत्र में करवाए हैं। आज तक मेरे परिवार और मुझ पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप भी नहीं लगा है। मेरा फोन 24 घंटे चालू रहता है। कुछ कारण नजर नहीं आता।
कोई एक व्यक्ति नाराज हो गया होगा तो मैं जानता नहीं। वक्त आने दो, पार्टी ने जवाब दिया तो मैं उसके नाम का जरूर जवाब दूंगा।
राजेंद्र राठौड़ ने कहा था जयचंद: करीब तीन महीने पहले चूरू के सादुलपुर में मीडिया से बात करते हुए राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा चुनाव में खुद की हार को लेकर भितरघात को जिम्मेदार ठहराया था। राठौड़ ने इशारों में राहुल कस्वां पर भितरघात का आरोप लगाया था और निशाना साधा था। राठौड़ ने कहा था- इस बार चुनाव में हार हुई है। जनता का फैसला स्वीकार्य है, लेकिन बहुत-से जयचंदों ने भी अपनी भूमिका निभाई। मुंह में राम बगल में छुरी लेकर भी कई लोग सत्ता के नजदीक आने की कोशिश कर रहे हैं। उनके चेहरे से नकाब खींचने के लिए कार्यकर्ता आतुर हैं।