● जागो हुक्मरान न्यूज़

हथेली पर धूप से कांपती ओस को जिंदा रख

जिंदगी के कदम कदम पर मौत को जिंदा रख

दूसरों को दर्द देने की दिल्लगी करने से पहले

अपने दिल में दर्द सहने के खौफ को जिंदा रख

रूठ जाएंगे खुशियों के वो तमाम साथी प्यारे

पर गम को गले लगाने के जोश को जिंदा रख ।

कतरा कतरा टूटता रहेगा सारा घमंड आंखों में

फकीर के मानिंद पेश आने केहोश को जिंदा रख

यूं कि लाखों लड़ाई हार के टूट गिरा जमीं पर

बदी से सिद्दत से टकराने के रोष को जिंदा रख ।

काव्य रचना- विवेकदीप

विवेकदीप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *