• जागो हुक्मरान न्यूज़
जालोर | सुराणा गांव में कक्षा 3 के 9 वर्षीय दलित छात्र इन्द्र मेघवाल की हत्या का मामला एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार यह चर्चा गुजरात से शुरू हुई है। दो सौ से ज्यादा दलित महिलाएं एक विशाल आकार के मटके के साथ गुजरात से सुराणा वाया रानीवाड़ा की ओर निकली है। रानीवाड़ा प्रशासन ने इस काफिले को गुजरात सरहद पर राज्य सीमा में 3 घंटे तक रोके रखा। बाद में उच्चाधिकारियों के निर्देशों पर काफिले को राज्य में प्रवेश दिया गया। दलित महिलाओं का यह दल सुराणा जाकर दलित परिवार को मदद के तौर पर एकत्रित पौने 3 लाख रूपए राशि प्रदान करेगा।
जानकारी के लिए बता देते हैं कि गुजरात में दलित जागरूकता को लेकर दलित नारी सेवा केन्द्र सहित कई संस्थाओं के बैनर तले 8 राज्यों के 1233 सौ गांवों के प्रत्येक दलित घर से एक-एक रुपया एकत्रित कर पौने तीन लाख रूपए इकट्ठे हुए। उस राशि को एक वाहन में विशाल मटका में रखकर रैली के रूप में सुबह 4 बजे गुजरात के अहमदाबाद से रवानगी हुई थी। इस मटके में दलित समाज की ओर एकत्रित राशि रखी हुई है। ऐसे में प्रशासन का कहना था कि मटके को कपड़े से ढककर राज्य में प्रवेश करे। इस बात का महिलाओं ने विरोध किया। तीन घंटे तक बहसबाजी होने के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देशों पर मटका रैली को बिना ढ़के राज्य में प्रवेश दे दिया गया।
अभी तक बरकरार है छुआछूत : दलित महिला कार्यकर्ता नीतू रोहिण ने बताया कि आजाद भारत में अभी तक छुआछुत और घूंघट का सिस्टम बरकरार है। लोकतंत्र में मटकी लेकर रैली निकालने में पाबंदी संविधान सम्मत नही है। जबकि, इस रैली में 8 राज्यों की जनता का समावेश है। महिलाओं का कहना है कि मटकी को अगर ढकना था तो राज्य के प्रशासन को ढकना चाहिए।
एसडीएम ने शांति बनाए रखने की कही बात : रानीवाड़ा एसडीएम प्रकाशचन्द्र अग्रवाल ने बताया कि सुराणा प्रकरण को लेकर प्रशासन सतर्क है। ऐसे में कोई ऐसा कार्य जिससे विभिन्न समुदायों में आपसी रिश्ते प्रभावित हो जाए। उसके लिए प्रशासन ने रैली आयोजकों को शांतिपूर्वक मर्यादित तरीके से रैली के आयोजन का निवेदन किया था। बाद में उनकी ओर से विश्वास दिलाने पर हमने राज्य में प्रवेश करने दिया। सुराणा तक प्रशासनिक सुपरविजन में रैली को पहुंचाया जाएगा।