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अजमेर | बलाई समाज अजमेर द्वारा पहली बार समाज के प्रणेता संत सद्गुरु आचार्य गरीब साहेब की 109 वीं जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई।

अजमेर में पाल बीचला स्थित बाबा रामदेव जी महाराज मंदिर परिसर में बलाई महासभा, अजमेर के तत्वावधान में भव्य समारोह मुख्य अतिथि समाज मनीषी एवं आचार्य गरीब साहेब के शिष्य  मोहन लाल पाटोदिया के सान्निध्य में आयोजित किया गया। समारोह का शुभारंभ मोहन लाल पाटोदिया जी, एवं संतों ने आचार्य गरीब साहेब की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

*महंत ईश्वर दास जी, महंत कमल दास जी, महंत छीतरदास मांदावत जी, महंत हीरा दास जी, महंत राजू दास जी, चन्द्रेश गिरि, बलाई समाज सर्वे ला पंचायत के कोषाध्यक्ष रमेश बराला, पुजारी कैलाश पंवार  के सान्निध्य में आयोजित इस समारोह में मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ गुलाब चन्द जिन्दल ‘मेघ’ ने सद्गुरु आचार्य गरीब साहेब के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपना व्याख्यान दिया। डॉ जिन्दल ने आचार्य गरीब साहेब द्वारा समाजोत्थान के लिए किए गये कार्यों की जानकारी के साथ तत्कालीन समय में सामंतवादी ताकतों द्वारा समाज बंधुओ पर हो रहे अमानवीय व्यवहार का डटकर मुकाबला करने एवं समाज के लिए किए संघर्ष की जानकारी दी। समाज में मृत्यु भोज, मोसर जैसे कुरीतियों के प्रति जागरूकता फैलाने का परिणाम परक उल्लेखनीय कार्य किया। समाज को सामंतवादी व्यवस्था अमानवीय प्रथा, बेगारी प्रथा से मुक्त कराया।


डॉ जिन्दल ने अजमेर के समाज बंधुओं से अपील करी कि अब हमें शिक्षा की ओर विशेष ध्यान देना होगा। आचार्य गरीब साहेब के जीवन दर्शन को तथागत बुद्ध और बोधिसत्व डॉ आंबेडकर साहब के दर्शन में समन्वय की बात बताई। साथ ही राजस्थान में भयंकर अकाल विभिषिका “छपनिया अकाल” से बलाई समाज के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर पर हुए विशेष प्रभाव एवं समाज बंधुओं द्वारा इंदौर, दिल्ली क्षेत्र की ओर किए पलायन की जानकारी भी दी।

आचार्य गरीब साहेब ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली प्रदेश, में जगह-जगह सभाएं आयोजित कर समाज में जनजागरण का कार्य किया। स्वामी गोकुल दास जी महाराज, स्वामी रामबक्ष जी महाराज, द्वारा किए गए कार्यों को भी रेखांकित किया गया।
मुख्य अतिथि के तौर पर मोहन लाल पाटोदिया साहब ने कहा कि अजमेर में भी आचार्य गरीब साहेब की स्मृति स्वरूप एक भवन का निर्माण होना चाहिए।
डी एल वर्मा ने आचार्य गरीब साहेब की मनमोहक तस्वीर भेंट की।

आचार्य गरीब साहेब के जीवन दर्शन पर दूरदराज से पधारे संत महंतों के साथ ही किशन निहाल, डी एल वर्मा, सुभाष डोई, रामलाल मायच, रामदेव चितानिया, गजानन सरावता, कन्हैयालाल बडगूजर, ने भी अपने विचार रखे।

समारोह में *बुद्ध ज्योति विहार अजमेर* का प्रतिनिधि मंडल मा. डी आर बेरवाल ‘धम्म रतन’ के नेतृत्व में उपस्थित रहे।
बलाई समाज, सांभरलेक के देवयानी में समाज का छात्रावास निर्मित करा रहे प्रतिष्ठित समाज बंधुओं का शिष्टमंडल में मूलचंद सूत्रकार, निरंजन लाल सूत्रकार, मदन लाल चौहान, हीरा लाल तंवर सहित अन्य के साथ उपस्थित हुआ इन सभी का बलाई महासभा ने माल्यार्पण कर स्वागत किया।

बलाई महासभा के अध्यक्ष अमरचंद घोटन, महामंत्री लक्ष्मी नारायण तंवर, महासभा कोषाध्यक्ष सुरेश पंवार, उपाध्यक्ष रामकिशन पद्मावत सहित सभी पदाधिकारियों ने उल्लेखनीय योगदान दिया।
महंत हीरादास जी ने उनके गुरु देव महंत शिवकरण साहेब द्वारा आचार्य गरीब साहेब पर लिखित काव्यात्मक रचना पुस्तक “उपकार सागर” की प्रति डॉ गुलाब चन्द जिन्दल ‘मेघ’ को भेंट की।
समारोह का सफल संचालन लक्ष्मी नारायण नारनोलिया ने किया।

इस अवसर पर समाज के गणमान्य व्यक्तियों में सुरेश कुमार बांयला, बी एल बामणिया, श्याम सुन्दर ढेबाणा, बाल किशन ढेबाणा, मूलचंद खारड़िया, गुलाब चन्द रायपुरिया, मांगीलाल बरवड़, बाल किशन भाटी, कन्हैयालाल चौहान, किशोर बानिया, सीताराम खारड़िया, प्रकाश ढेबाणा, रमेश काला, बाबूलाल डोई, राम प्रसाद जिन्दल, बाबूलाल लाल बुगालिया, किशन जिन्दल, मोहन लाल नारनोलिया,श्री उदय चन्द बांयला, कालूराम जिन्दल, मूलचंद कल्डाला, हंसराज घसिया सहित अन्य गणमान्य समाज बंधुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
लक्ष्मी नारायण तंवर ने सभी का आभार प्रकट किया।
अजमेर में पहली बार आयोजित आचार्य गरीब साहेब जयंती के आयोजन पर समाजबंधुओं में अपार खुशी देखी गई।

Bureau Report- JHN

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